Jharkhand news: मोंथा चक्रवात ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी, खेत में खराब हो रहे धान
चक्रवात 'मोंथा' ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। लगातार बारिश और तेज हवाओं से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है, खासकर चतरा और लोहरदगा जिलों में। कटी हुई फसल के सड़ने का डर है, और किसान फसल बीमा योजना से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। मौसम विभाग ने 31 अक्टूबर तक राहत की संभावना जताई है, लेकिन किसानों की चिंता बरकरार है।

चतरा में धान की फसल कटाई के बाद पानी में खेत में पड़ी खराब हो रही है।
संवाद सहयोगी, जागरण गिद्धौर (चतरा) : मोंथा चक्रवात ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है। पिछले 36 घंटों से रुक-रुक कर बारिश और तेज हवा ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है।
सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। किसानों ने बताया कि धान फसल लगभग तैयार हो चुकी थी। कई किसान इसकी कटाई भी शुरू कर चुके थे। परंतु मोथा चक्रवात के कारण लगातार हो रही बारिश और चल रही तेज हवा से अधिकांश खेतों में धान की बालियां गिर गई हैं।
वहीं, जिन किसानों ने धान काटकर खेतों में रखा था, वहां पानी भर जाने से फसल सड़ने की आशंका जताई जा रही है। किसानों का कहना है कि इस वर्ष पहले ही अधिक वर्षा के कारण सब्जियां सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ था।
ऐसे में वे धान की फसल पर उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन चक्रवातीय बारिश ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। प्रखंड में इस वर्ष निर्धारित 1940 हेक्टेयर लक्ष्य से अधिक क्षेत्र में धान की खेती हुई थी।
लेकिन अब किसान नुकसान की आशंका से परेशान हैं। किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं और माथे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही हैं। इधर, मौसम विभाग की मानें तो 31 अक्टूबर को कुछ राहत मिल सकती है।
धान फसल के नुकसान की सूचना लगातार मिल रही है। प्रतिदिन रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजी जा रही है। किसानों को फसल बीमा योजना के तहत क्षतिपूर्ति दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
-चितरंजन शर्मा, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, गिद्धौर
तैयार धान की फसल की बर्बादी का खतरा
संवाद सूत्र,भंडरा (लोहरदगा) : भंडरा प्रखंड में किसान चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण लगातार बारिश को लेकर काफी चिंतित हैं। तैयार धान की फसल पर तबाही का खतरा किसानों को सता रही है।
खासतौर में जो किसान धान की कटाई कर खेत में छोड़ दिए है। वैसे किसान अब आनन-फानन में अपनी फसल को खलिहान पहुंचा रहे हैं। अन्य किसानों के भी खेत में धान की फसल को नुकसान होने का खतरा सता रहा है।
मंगलवार रात से हो रही रुक-रुक कर बारिश से किसान काफी चिंतित दिख रहे हैं। इधर प्रखंड मुख्यालय में बारिश के बाद तापमान में भी असर पड़ा है। लोगों को अब ठंड का अहसास होने लगा है।
किसानों ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा मोंथा चक्रवात का असर लोहरदगा जिले में भी देखने को मिलेगा। इससे फसल को काफी नुकसान पहुंच सकता है। खेतों में अब भी कई किसानों का धान पूरी तरह से नहीं पका है। इससे नुकसान का खतरा बना हुआ है।
उधर हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार से हो रही रिमझिम बारिश से किसानों को नुकसान पहुंचा है। धान फसल को नुकसान ज्यादा है।धान की फसल पूरी तरह से पककर तैयार है, इस बीच हो रही बारिश और हवा के कारण वे खेतों में गिर जा रहें हैं। इससे फसल को नष्ट होने की संभावना ज्यादा है।
हालांकि इस सीजन में धान की पैदावार अच्छी है, पर जब तक किसान धान को अपने घर में घुसा नहीं लेते हैं ,तब तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता। लगातार हो रही बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है और मौसम में ठंडापन का एहसास शुरू हो गया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।