Jharkhand News: अंधविश्वास में शव को जीवित करने लिए घंटों हुई प्रार्थना, पुलिस ने तोड़ा भ्रम
चतरा के पैनी गांव में एक हैरान करने वाली घटना हुई। एक मृतक बेटे को जीवित करने के लिए सात घंटे तक प्रभु यीशु की प्रार्थना की गई। परिजनों ने अंधविश्वास का सहारा लेते हुए ढोंग रचा। पुलिस के पहुंचने की खबर मिलते ही शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। मृतक का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।

संवाद सूत्र, हंटरगंज (चतरा)। वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र के पैनी गांव में बुधवार को अंधविश्वास की एक ऐसी घटना सामने आई। जिसे देखकर हर कोई अचंभित था। मृत बेटे को जीवित करने के लिए सात घंटों तक प्रभु यीशु की विशेष प्रार्थना होते रही।
इस विशेष प्रार्थना में मृतक की मां, चाचा, चाची, बुआ-फूफी व अन्य रिश्तेदार शामिल थे। बुधवार को सुबह सात बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक प्रभु यीशु की प्रार्थना कर जिंदा करने का ढोंग रचते रहे।
वशिष्ठ नगर थाना पुलिस को जब खबर मिली, तो थानेदार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम को गांव भेजी। जैसे ही पुलिस की आने की खबर मिली तुरंत अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए।
दरअसल पैनी गांव निवासी प्रदीप पासवान का 21 वर्षीय पुत्र विक्रम कुमार पासवान की मौत सोमवार को गुजरात के अहमदाबाद में हो गई। बुधवार को मृतक का शव सुबह सात बजे सड़क मार्ग से गांव पहुंचा।
शव के आते ही उसकी मां अनीता देवी, बुआ चिंता देवी और चाचा नंदु पासवान के साथ गांव व रिश्तेदार की अन्य महिलाएं प्रभु यीशु की प्रार्थना करने लगे। मृतक की मां ने घर के किसी भी सदस्य को रोने नहीं दिया।
सात घंटे की प्रार्थना करने के बाद भी मृत पुत्र का स्थिति जस का तस रहने पर थक हारकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लें गए। इस दौरान वशिष्ठ नगर थाना प्रभारी अमित कुमार सिंह को सूचना मिली कि शव को घर में रखकर जिंदा करने के लिए झाड़-फूंक का खेल किया जा रहा है।
सूचना पर पहुंची पुलिस के आने की खबर पर मृतक के परिजन तुरंत अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट निकल पड़े। मृतक की मां अनीता देवी को यकीन नहीं हो रहा था कि बेटी की मौत हो गई। मृतक का हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।
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