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    Road Accident में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए, 14 प्रतिशत की वृद्धि, मृत्यु दर भी साढ़े बारह फीसद बढ़ी

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:58 PM (IST)

    झारखंड में पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। मौतों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है। पुलिस मुख्यालय में सड़क सुरक्षा कोषांग की बैठक में सामने आए आंकड़े हैरान करने वाले हैं। वर्ष 2025 के जनवरी से जून तक सड़क हादसों में पिछले वर्ष की तुलना में 14% की वृद्धि हुई है। मृत्यु दर में भी 12.5% की बढ़ोतरी देखी गई।

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    पिछले वर्ष के मुकाबले 14 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं।

    राज्य ब्यूरो, रांची।Jharkhand में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है। मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में सड़क सुरक्षा कोषांग की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में सामने आए आंकड़े हैरान करने वाले हैं। 

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    वर्ष 2025 के जनवरी से जून तक सड़क हादसों में पिछले वर्ष की तुलना में 14% की वृद्धि हुई है। मृत्यु दर में भी 12.5% की बढ़ोतरी देखी गई। साहिबगंज में हादसों की सर्वाधिक वृद्धि 60% से अधिक है।

    जबकि गोड्डा में मृत्यु दर में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, रांची, जमशेदपुर, गढ़वा और पाकुड़ में त्वरित इलाज के कारण मृत्यु दर में कमी आई है।

    सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता पर जोर

    Road Safety Cell के डीआइजी धनंजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया गया। प्रचार-प्रसार, अभियोजन और राहबीर व गुड समरिटन योजना के तहत घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को पुरस्कृत करने पर जोर दिया गया।

    ब्लैक स्पॉट्स पर कार्रवाई, एमवी एक्ट के तहत जांच और गुणवत्ता की समीक्षा की गई। आइजी रांची मनोज कौशिक और आइजी पलामू सुनील भास्कर ने भी सड़क सुरक्षा के लिए सुझाव दिए।

    जिलों को दिए गए निर्देश

    • ब्लैक स्पाट्स पर लघु और दीर्घकालिक सुरक्षा उपाय लागू करें।
    • गुड समरिटन नीति, राहबीर योजना और हेल्पलाइन नंबर 1033 का व्यापक प्रचार करें।
    • दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त, एंबुलेंस और ब्रेथ एनालाइजर जैसे उपकरणों का उपयोग करें।
    • बिना सीट बेल्ट, शराब पीकर वाहन चलाने, ओवरस्पीडिंग और लेन जंपिंग जैसे उल्लंघनों पर कड़ी कार्रवाई करें।
    • दुर्घटना पीड़ितों को नियमानुसार मुआवजा दिलाएं और फर्स्ट एड किट उपलब्ध कराकर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करें।
    • सड़क हादसों में कमी लाने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत करें।
    • राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ मिलकर हादसों को रोकने के उपाय करें।