Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Expressway: चतरा के किन इलाकों से गुजरेगा बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे? जमीन के मुआवजे को लेकर सामने आई नई जानकारी

    Updated: Sat, 04 Jan 2025 03:51 PM (IST)

    Bihar News बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण की रफ्तार तेज हो गई है। चतरा जिले में रैयतों के बीच मुआवजा वितरण में तेजी आई है। अब तक 95 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया जा चुका है। इस महीने के अंत तक शेष 62 करोड़ रुपये का वितरण करने का लक्ष्य है। उपायुक्त रमेश घोलप स्वयं इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जुलकर नैन, चतरा। बनारस-कोलकाता भारतमाला एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होने की संभावना है। रैयतों के बीच मुआवजा वितरण में तेजी आई है।

    चतरा जिले में रैयतों के बीच 157 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण होना है। जिसमें अब तक 95 करोड़ रुपए से अधिक वितरित कर दिए गए हैं।

    शेष 62 करोड़ रुपए का वितरण इस महीने के अंत तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपायुक्त रमेश घोलप स्वयं इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।

    उपायुक्त की सख्ती के बाद अंचल कार्यालयों से दनादन लैंड पोजीशन सर्टिफिकेट (एलपीसी) निर्गत हो रहा है। वन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। एक से दो महीना में वनभूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    परियोजना को लेकर जिस तेजी से प्रशासनिक कार्रवाई हो रही है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले चार से पांच महीनों के भीतर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

    परियोजना के लिए जिले में कुल 1406 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी। जिसमें 443 एकड़ रैयती, 121 एकड़ गैर मजरूआ, 99 एकड़ जीएमजेजे और 743 एकड़ वन भूमि शामिल है।

    अंचल कार्यालयों से समय पर एलपीसी निर्गत नहीं होने के कारण रैयतों के मुआवजा वितरण में विलंब हो रहा था। अंचल कार्यालय लैंड पोजीशन सर्टिफिकेट (एलपीसी) निर्गत करने में टाल-मटोल की नीति अपनाए हुए थे।

    जमीन के मालिकाना हक का सबूत (एलपीसी) निर्गत नहीं होने से रैयत संबंधित दस्तावेजों को जिला भू-अर्जन कार्यालय को समर्पित नहीं कर पा रहे थे।

    भारतमाला परियोजना द्वारा मुआवजे की राशि जिला भू-अर्जन कार्यालय को पांच जून 2023 को उपलब्ध करा। लेकिन उसके बाद भी वितरण में विलंब हो रहा था। जब से उपायुक्त स्वयं इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं, मुआवजा वितरण में अप्रत्याशित रूप से गति आई है।

    चतरा में सबसे अधिक 84 किमी की लंबाई

    • केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला के अंतर्गत जिले के चार अंचलों के 67 गांव आ रहे हैं। जिसमें हंटरगंज प्रखंड के 28, चतरा प्रखंड के 18, पत्थलगडा प्रखंड के दो और सिमरिया प्रखंड के 19 गांव शामिल है।
    • जिसकी कुल लंबाई 84 किलोमीटर है। एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के बनारस से प्रारंभ होगा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक जाएगा।

    चतरा में तीन पैकेज में होगा निर्माण

    एक्सप्रेसवे ग्रीन फील्ड की परियोजना का निर्माण वैसे तो कई पैकेजों में होगा। सिर्फ झारखंड मेंं इसे छह पैकेजों में बांटा गया है। जबकि चतरा में तीन पैकेजों में निर्माण होगा।

    चतरा पैकेज संख्या आठ, नौ एवं दस के अंतर्गत आता है। जिस पर भूमि अधिग्रहण से लेकर निर्माण कार्य तक 2859 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तीन पैकेजों का निविदा हो चुका है।

    अंचल स्तर पर रैयती भूमि व मुआवजे का वितरण

    अंचल का नाम अधिग्रहित भूमि मुआवजा वितरित

    • हंटरगंज 64 एकड़ 24 करोड़
    • चतरा 49 एकड़ 10 करोड़
    • पत्थलगडा 30 एकड़ 14 करोड़
    • सिमरिया 108 एकड़ 47 करोड़
    • कुल 251 एकड़ 95 करोड़

    रैयतों के बीच मुआवजे का वितरण में कहीं से कोई समस्या नहीं है। लैंड पोजीशन सर्टिफिकेट के आधार पर भुगतान किया जा रहा है। उपायुक्त महोदय स्वयं इसकी मानिटरिंग और समीक्षा दोनों कर रहे हैं। करीब 65 प्रतिशत रैयती जमीन का मुआवजा वितरण कर दिया गया है। शेष 35 प्रतिशत को इस महीने के अंत तक भुगतान कर दिया जाएगा।-वैभव कुमार सिंह, जिला भू-अर्जन पदधिकारी, चतरा।

    यह भी पढ़ें-

    Bihar के किसी कोने से 3 घंटे में आ सकेंगे पटना, इन हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण

    दिल्ली से देहरादून की दूरी हो जाएगी कम, एक्सप्रेस-वे पर जल्द फर्राटा भरेंगे वाहन