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    नए साल में बोकारो में अवैध निर्माण पर चलेगा SAIL प्रबंधन का बुलडोजर, अतिक्रमणकारियों की सूची तैयार

    By Hari Shankar Pandey Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 04:27 PM (IST)

    ‍Bokaro News: नए साल में बोकारो में अवैध निर्माण पर SAIL प्रबंधन का बुलडोजर चलेगा। प्रबंधन ने अतिक्रमणकारियों की सूची तैयार कर ली है। यह कार्रवाई शहर ...और पढ़ें

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    बोकारो में अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बोकारो। बोकारो इस्पात लिमिटेड (BSL-SAIL) के जिन आवासों पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा है, उन पर नए साल से प्रबंधन का बुलडोजर चलेगा। अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए नई सुरक्षा नीति तैयार की गई है।

    जानकारी के अनुसार, प्रबंधन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए एक स्पष्ट नीति बनाई है। इसके तहत वे पुराने मामले भी शामिल किए गए हैं, जो लंबे समय से संपदा न्यायालय अथवा अन्य अदालतों में विचाराधीन हैं। ऐसे आवासों को भी अब वैधानिक प्रक्रिया के तहत खाली कराया जाएगा।

    इनमें प्रबंधन का पहला फोकस समाजसेवी संगठनों, राजनीतिक संगठनों, श्रमिक संगठनों, डीसी व एसपी पुल, महिला समितियों तथा कंपनी से रिटायर हो चुके ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं, जो मनमाने तरीके से बीएसएल के आवासों पर अवैध कब्जा कर प्रबंधन को राजस्व के मद में भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।

    जिन मामलों में कार्रवाई प्रबंधन अपने स्तर से कर सकता है, वहां त्वरित कदम उठाए जाएंगे, जबकि जिन मामलों में प्रशासनिक पहल की आवश्यकता होगी, उनमें जिले के उपायुक्त (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) से सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए बीएसएल प्रबंधन ने पहले ही ऐसे आवासों की सूची तैयार कर ली है, जिन पर पुलिस और प्रशासन से जुड़े लोगों का अवैध कब्जा है।

    इनमें कई ऐसे पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, जो सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद भी बीएसएल के मकानों का मनमाने ढंग से उपयोग कर रहे हैं, जबकि कुछ अधिकारी बोकारो से बाहर अन्य जिलों में पदस्थापित हैं।

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    किरायेदारों पर होगी विभागीय कार्रवाई


    बीएसएल प्रबंधन नए साल से आवास आवंटन नीति को पूरी तरह सरल और पारदर्शी बनाने के लिए सबसे पहले कंपनी के आवासों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का निर्णय लिया है। बीएसएल में लगभग ढाई से तीन हजार ऐसे आवास हैं, जिन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अतिक्रमणकारियों का कब्जा है।

    अब जबकि बीएसएल में एस-3 ग्रेड के बजाय एस-1 ग्रेड से ही स्थायी कर्मचारियों को डी-टाइप आवास आवंटन का आदेश जारी कर दिया गया है, प्रबंधन अवैध रूप से कब्जाए गए मकानों को खाली कराने पर पूरी तरह आमादा हो गया है।

    वहीं, बीएसएल में कार्यरत ऐसे अधिकारी और कर्मचारी, जिन्होंने कंपनी के मकान अपने नाम पर लेकर उन्हें किराये पर दे रखा है, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में संबंधित विभागाध्यक्ष कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे। नगर सेवा विभाग की ओर से ऐसे संयंत्रकर्मियों की सूची समय-समय पर सभी विभाग प्रमुखों को उपलब्ध कराई जाएगी।