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    Bokaro News: बोकारो में LED बल्ब लाया रोजगार की रौशनी, 5 छात्राओं के स्टार्टअप ने दिखाई नई राह

    Bokaro News झारखंड के बोकारो जिले में छात्राओं पूजा अपर्णा रानी दीपिका उषा और प्रीति आदि ने एलईडी बल्ब बनाकर स्वरोजगार शुरू किया है। उन्होंने एआरडी इलेक्ट्रिकल बोकारो नामक कंपनी बनाई है और अन्य लड़कियों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। ये छात्राएं बल्ब बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं और ग्रामीण महिलाओं को भी एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण देकर सशक्त बना रही हैं।

    By Ram Murti Prasad Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 11 Apr 2025 05:04 PM (IST)
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    छात्राओं के जीवन में रौशनी बिखेर रहा एलईडी बल्ब, स्वरोजगार के जरिए बन रहीं स्वावलंबी

    राममूर्ति प्रसाद, बोकारो। बोकारो जिले के दांतू गांव की राममूर्ति प्रसाद की खबर के अनुसार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्राएं पूजा, अपर्णा, रानी, दीपिका, उषा और प्रीति एलईडी बल्ब बना रही हैं।

    वे अन्य छात्राओं को भी यह कला सिखा रही हैं। इन छात्राओं ने एआरडी इलेक्ट्रिकल बोकारो नामक कंपनी शुरू की है।

    एलईडी बल्ब से स्वावलंबन

    • छात्राएं बल्ब बेचती हैं और स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं। एलईडी बल्ब इन छात्राओं के जीवन में प्रकाश फैला रहा है।
    • उन्होंने स्कूल में एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब वे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को भी यह प्रशिक्षण दे रही हैं।

    शिक्षक ने दिया प्रशिक्षण

    राजकीय महिला पॉलिटेक्निक बोकारो में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा अपर्णा कुमारी ने बताया कि 2021-22 में राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय दांतू में पढ़ते समय शिक्षक अनिमेष चंद्रा ने उन्हें मुफ्त प्रशिक्षण दिया था। इसके बाद स्टार्टअप का विचार आया।

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    माता-पिता और शिक्षकों का प्रोत्साहन

    माता-पिता और शिक्षकों ने आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। 2023 में सभी छात्राओं ने एआरडी इलेक्ट्रिकल जयपुर में इंटर्नशिप की, जहां उन्होंने एलईडी बल्ब बनाने और मार्केटिंग के बारे में जानकारी हासिल की।

    उत्पादन और बिक्री

    • छात्राओं ने पैसे इकट्ठे करके जयपुर से एलईडी के लिए बेस, हाउसिंग, ड्राइवर, एलईडी पैनल और डिफ्यूजर मंगवाए।
    • फिर, उन्होंने अपने घरों में ही बल्बों को जोड़ना शुरू किया और बोकारो के आसपास के व्यवसायियों के सहयोग से बेचना शुरू किया।

    अन्य छात्राओं को प्रशिक्षण

    उषा कुमारी राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, रानी, प्रीति और पूजा राजकीय पॉलिटेक्निक गोला तथा दीपिका राजकीय पॉलिटेक्निक दुमका में पढ़ रही हैं। उन्होंने अन्य छात्राओं को भी प्रशिक्षण दिया है।

    उत्पादन क्षमता और आय

    उषा कुमारी के अनुसार, एक छात्रा 5-10 मिनट में एक बल्ब बना लेती है। 9 से 50 वाट तक के बल्ब 60 से 500 रुपये में बेचे जाते हैं, जिससे प्रत्येक छात्रा को 5-7 हजार रुपये की मासिक आय होती है।

    उपायुक्त की सराहना

    • 2024 में बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव ने भी छात्राओं की इस पहल की सराहना की थी।

    विश्वविद्यालय से आर्थिक मदद

    जनवरी 2025 में, छात्राओं के समूह ने झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रांची में आइडिया पिचिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और 50 हजार रुपये की सहायता प्राप्त की, जिससे दांतू में एक कौशल विकास केंद्र बनाया गया है।

    ग्रामीण महिलाओं को लाभ

    माधुरी देवी और प्रमिला देवी ने कहा कि इन छात्राओं ने स्वरोजगार की राह दिखाई है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को लाभ हो रहा है। उषा कुमारी ने भविष्य में कृषि अपशिष्ट और ई-कचरा क्षेत्र में भी काम करने की बात कही।

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