अब 50 किलोमीटर से अधिक दूरी पर लगेगा ई-वे बिल
बोकारो : जीएसटी चोरी रोकने और अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ई-वे बिल प
बोकारो : जीएसटी चोरी रोकने और अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ई-वे बिल प्रणाली लागू की, लेकिन व्यवसायियों और जीएसटी काउंसिल के सदस्यों द्वारा लगातार शिकायतें और सुधार की मांग को देखते हुए जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल में संशोधन किया है। अब व्यवसायियों को 50 किलोमीटर तक सामान ले जाने के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी। पहले व्यवसायियों को 20 किमी से अधिक की दूरी एवं 50 हजार से अधिक मूल्य के सामान ले जाने के लिए इलेक्ट्रानिक वे बिल (ई-वे बिल) की जरूरत है।
ट्रांसपोर्टर को जीएसटी कंप्यूटर प्रणाली से ई वे बिल लेना होगा। विभागीय पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी में ई-वे बिल की शुरुआत कर चोरी रोकने के लिए किया गया है। ई- वे बिल लागू होने के बाद कैश में होने वाले व्यापार पर लगाम लगेगी और टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। विदित हो कि ई-वे बिल एक फरवरी से लागू होने वाला था लेकिन सिस्टम में कई तकनीकी खामी को देखते हुए जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल को सही तरीके से लागू करने के लिए तारीख को आगे बढ़ा दिया था। संशोधन के बाद ई-वे बिल काफी सरल तरीके से और कुछ ही मिनटों में ई-वे बिल जनरेट हो जाएगा।
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व्यवसायी कर रहे मनमानी : व्यवसायियों का कहना है कि ई-वे-बिल लागू होने के बाद विभागीय पदाधिकारियों की मनमानी काफी बढ़ गई है। आजकल सब कुछ ऑनलाइन होने के बाद भी पदाधिकारी गाड़ी पकड़ने के बाद ड्राइवर से कागजात मांगते हैं। ड्राइवर के लाख कहने के बाद भी कि सबकुछ सही और कागजात मालिक के पास है तब तक पदाधिकारी गाड़ी को पकड़ कर माल सहित जुर्माना लगा देते हैं। व्यवसायियों के साक्ष्य लेकर जाने तक विभाग पूरी प्रक्रिया कर नोटिस हाथ में थमा देता है। पदाधिकारियों के मनमानी से व्यवसायी परेशान हो चुके और इसकी शिकायत भी वरीय पदाधिकारी से की है।
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