CISF का महिला जवानों के लिए बड़ा फैसला, अब पुरुषों की तरह करेंगी नाइट ड्यूटी; मिलेंगी ये सुविधाएं
बोकारो में सीआईएसएफ महिला कर्मियों को अब पुरुषों के समान रात्रि पाली में भी ड्यूटी पर लगाया जाएगा। यह निर्णय 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सीआईएसएफ मुख्यालय ने यह फैसला लिया है। महिला कर्मियों को सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी और उन्हें अन्य महत्वपूर्ण विभागों में भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

जागरण संवाददाता, बोकारो। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ में कार्यरत महिला बल सदस्य व अधिकारियों को अब पुरुष समकक्षों के समान रात्रि पाली ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
योजना 1 सितंबर 2025 से प्रभावी कर दी जाएगी। इससे पूर्व सीआईएसएफ मुख्यालय रात्रि पाली की ड्यूटी के दौरान महिला कर्मियों के आपसी सहयोग व सुरक्षा को सुनिश्चित करने की रणनीति में जुट गई है।
इसके लिए बाकायदा बीएसएल सहित सेल के अन्य सभी इकाई के यूनिट प्रमुख को निर्देश दिया गया है। रात्रि पाली की ड्यूटी के दौरान एक पोस्ट पर पर से कम दो महिला कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए।
यूनिट कमांडर रात्रि पाली ड्यूटी के दौरान सभी महिला कर्मियों के लिए पर्याप्त परिवहन व अन्य बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करेंगे।
सीआईएसएफ मुख्यालय यह निर्णय महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के ली है। योजना को महारत्न कंपनी सेल के अलावा बीपीएससीएल, सीसीएल, बीसीसीएल, सीटीपीएस चंद्रपुरा, बीटीपीएस बोकारो थर्मल, ललपनिया आदि अन्य ऐसे सभी संस्थानों में लागू किया जाएगा, जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है।
किन किन विभागों में लिया जाएगा काम
सीआईएसएफ मुख्यालय महिला कर्मियों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए उन्हें रात्रि पाली की ड्यूटी पर लगाने के साथ कई अन्य ऐसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी अब सौंपने जा रही है, जहां वर्तमान में सिर्फ पुरुष बल सदस्य अपने कर्तव्य को निभा रहें है।
इनमें क्यूआरटी, एसटीएफ, बीडीडीएस, वायरलेस, सीसीटीवी, आर्मरर,डॉग हैंडलर व अन्य परिचालन कार्य को शामिल किया गया है।
इसके अलावा महिला कर्मियों को आरआई, कोय कमांडर, अपराध व आसूचना, समन्वय सेल, कोय राइटर, सीएचएम, बीएचएम, क्वार्टर मास्टर, मेस सचिव और मेस कमांडर जैसी प्रमुख भूमिकाओं में भी अब तैनात किया जाएगा।
महिलाओं की समस्या के लिए बनेगा नया पोर्टल
सीआईएसएफ मुख्यालय अपने महिला कर्मियों को नई जिम्मेदारी सौंपने के साथ उनकी समस्या के समाधान के लिए एक नया पोर्टल लांच करने जा रही है। जिसके संचालन के लिए 10 प्रतिशत महिलाओं को नियुक्त किया जाएगा।
गर्भवती महिलाकर्मी, दिव्यांग महिलाकर्मी या जिनके बच्चे पांच साल से कम आयु के है, उन्हें विशेष प्रशिक्षण में नहीं भेजा जाएगा।
पुरुष और महिला कर्मियों का पलटन व प्रशिक्षण अलग-अलग के बजाए अब एक साथ होगा। महिला कर्मियों की ड्यूटी अब उनके संबंधित इकाई के हर एरिया व जोन में लगाई जाएगी।
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