मां वैष्णो देवी में घोड़ा-पिट्ठू और पालकी वाले क्यों हैं निराश? व्यापारियों में भी छाई मायूसी; आखिर क्या है वजह
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir News) में मौसम बदलने से कटड़ा में ओलावृष्टि हुई जिससे वैष्णो देवी यात्रा मार्ग (Maa Vaishno Devi Yatra) पर बर्फ की चादर बिछ गई। श्रद्धालुओं को परेशानी हुई और वे शेड़ों में रुकने को मजबूर हो गए। मौसम को देखते हुए आपदा प्रबंधन दल तैनात हैं। शाम तक 20800 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हुए। श्रद्धालुओं (Mata Vaishno Devi) की कमी से व्यापारी वर्ग निराश है।

संवाद सहयोगी, कटड़ा। Mata Vaishno Devi: जम्मू-कश्मीर में पल-पल मौसम बदल रहा है। कटड़ा में सोमवार तक दोपहर तक लगातार तेज हवा चलती रही और आसमान पर घने बादल छाए रहे। शाम को एकाएक तेज हवा के साथ वर्षा और ओलावृष्टि शुरू हो गई। मां वैष्णो देवी मार्ग (Mata Vaishno Devi Yatra) पर ओले गिरने से हल्की सफेद चादर बिछ गई।
करीब एक घंटे तक पड़े ओले
करीब एक घंटा तक ओले गिरते रहे, जिससे मां वैष्णो देवी के मार्ग, भवन परिसर और कटड़ा में जैसे हल्की सफेद चादर बिछ गई हो। इससे ठंड का अहसास भी होने लगा। मौसम के इस मिजाज के कारण दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं (Maa Vaishno Devi) को परेशानियां भी झेलनी पड़ी।
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ओलावृष्टि के समय श्रद्धालु भवन मार्ग (Maa Vaishno Devi Yatra) पर बने शेड़ों और अन्य स्थानों पर रुकने को मजबूर हो गए। इस बीच मां वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत के ऊपर आसमान में चमक रहा इंद्रधनुष श्रद्धालुओं को मोह रहा था।
सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान जगह-जगह तैनात
मौसम के तेवर को देखते हुए भवन मार्गों पर आपदा प्रबंधन दल के साथ श्राइन बोर्ड प्रशासन, पुलिस विभाग, सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान जगह-जगह तैनात हैं। फिलहाल मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) के सभी मार्ग पूरी तरह से सुचारु है, लेकिन सोमवार को कटड़ा-सांछीछत के बीच चलने वाली हेलीकाप्टर सेवा दिन में अधिकांश समय बाधित ही रही।
बैटरी कार और केबल कार सेवा बहाल रही। सोमवार शाम छह बजे तक करीब 20,800 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे। श्रद्धालुओं (Mata Vaishno Devi Yatra) का आना जारी था। इससे पूर्व रविवार को 30,072 श्रद्धालुओं ने माता दरबार में हाजिरी लगाई थी।
व्यापारी वर्ग में निराशा
बता दें कि फिलहाल माता (Mata Vaishno Devi) के दरबार में 25 से 30 हजार श्रद्धालुओं हाजिरी लगा रहे हैं। इससे पहले यह संख्या 45 से 50 हजार के बीच थी। हालांकि, छुट्टियों के खत्म होने के बाद से और मौसम में आए बदलाव की वजह से माता के दरबार में श्रद्धालुओं की कमी देखने को मिल रही है। श्रद्धालुओं में आई कमी की वजह से घोड़े-पिट्ठू, पालकी वालों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग में निराशा देखने को मिल रही है।
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