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    मुश्ताक के परिजनों को 21 वर्ष बाद मिला इंसाफ, अपहरण-हत्या मामले में दो को उम्रकैद-10 वर्ष का कठोर कारावास

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 06:29 PM (IST)

    ऊधमपुर में 21 साल पुराने अपहरण और हत्या के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 2003 में मुश्ताक अहमद का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी जिसके बाद पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने मोहम्मद मुमताज और फारूक अहमद को दोषी ठहराया।

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    इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।

    जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। रामबन जिला में 21 वर्ष पुराने हत्या और अपहरण के मामले में दो आरोपितों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद व 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक सेठी द्वारा दिए गए इस फैसले से पीड़ित परिवार को वर्षों बाद न्याय मिला है।

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    मामला वर्ष 2003 का है जब गूल तहसील के गागरसुल्ला गांव के रहने वाले मुश्ताक अहमद पुत्र सदर दीन का 16 और 17 दिसंबर 2023 की मध्यरात्रि कुछ अज्ञात आतंकवादियों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी। घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना गूल में एफआईआर नंबर 88/2003 के तहत आरपीसी की धारा 302, 364, 120-बी, 121-ए व आर्म्स एक्ट की धारा 7/27 के तहत दर्ज की गई थी।

    मामले की गहन जांच के बाद पुलिस ने 21 सितंबर 2004 को चालान पांच आरोपितों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। इसमें मोहम्मद मुमताज पुत्र हलीम गुजर निवासी हारा, तहसील गूल व फारूक अहमद पुत्र अब्दुल रहमान निवासी धाड़डम, तहसील गूल व तथा तीन अन्य आरोपित शामिल थे।

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    लंबे समय तक चली सुनवाई और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक सेठी की अदालत ने मोहम्मद मुमताज और फारूक अहमद को उक्त मामले में दोषी करार दिया। उन्होंने धारा 302 आरपीसी के तहत आरोपितों को आजीवन कारावास(उम्रकैद) और धारा 364 आरपीसी के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

    अदालत के इस फैसले ने न केवल पीड़ित परिवार को सुकून दिया, बल्कि न्यायपालिका की ओर से यह स्पष्ट संदेश भी दिया गया कि न्याय देर से ही सही, लेकिन होता जरूर है।

    चार जूनियर इंजीनियरों का वेतन रोकने के निर्देश

    रियासी प्रधानमंत्री सूर्यघर बिजली योजना में खराब प्रदर्शन को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर निधि मलिक ने चार जूनियर इंजीनियरों का वेतन रोकने के साथ ही उन्हें इस बारे में जवाब देने के निर्देश जारी किए हैं। डिप्टी कमिश्नर निधि मलिक ने सोमवार को प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना को लेकर अधिकारियों से बैठक की जिसमें योजना के तहत पंजीकरण आवेदन और स्थापना के आंकड़ों की समीक्षा की।

    बैठक में डीसी ने इस योजना कार्य की प्रगति की सराहना के साथ ही लक्ष्य को प्राप्त करने में कमी पर भी चिंता व्यक्त की, जिसको देखते हुए उन्होंने खराब प्रदर्शन के लिए चार जूनियर इंजीनियर का वेतन रोकने के निर्देश जारी करते हुए पीडीडी के एक्सियन को इन मुलाजिमों को जवाब देह ठहरने के निर्देश दिए।

    डीसी ने इस योजना के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ पहुंचाने के बारे में कहा। इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि इस योजना को लेकर 1057 पंजीकरण हुए हैं जिनमें 207 लाभार्थियों ने अग्रिम लागत जमा करवा दी है। अब तक 168 रुफ टॉप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं जबकि 39 का काम विभिन्न चरणों में है।