जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से बेघर हुए लोगों को मिलेंगे फैब्रिकेटिड स्मार्ट घर, LG सिन्हा का बड़ा एलान
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी में बाढ़ और भूस्खलन से बेघर हुए 320 परिवारों के लिए प्री-फैब्रिकेटेड स्मार्ट घरों की परियोजना का शिलान्यास किया। एचआर ...और पढ़ें

परियोजना का उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, उधमपुर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि मेरा यथासंभव प्रयास रहा है कि जम्मू-कश्मीर द्रुत गति से सुख-समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर रहे।
शनिवार को रियासी में बाढ़ और भूस्खलन से बेघर हुए 320 परिवारों के लिए मकान निर्माण की परियोजना के शिलान्यास समारोह में उपराज्यपाल ने कहा कि बीते पांच वर्ष में हमने विकास को गति देने के लिए, जनता प्रथम के सिद्धांत को अपनाया।
आपदा पीड़ितों के लिए मकान हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (एचआरडीएस इंडिया) द्वारा 32 करोड़ से वित्तपोषित इस पहल से रियासी में 320 प्रभावित परिवारों को आधुनिक प्री फैब्रिकेटिड स्मार्ट घर मिलेंगे।
आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 1869 घरों की नींव रखी
इन घरों के निर्माण में सरकारी खजाने से कुछ खर्च नहीं किया जा रहा है। बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रियासी से पहले किश्तवाड़, राजौरी, पुंछ, ऊधमपुर, रामबन, जम्मू, कठुआ और सांबा समेत आठ जिलों में आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी और हाल की प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए 1,869 घरों की नींव रख चुके हैं।
LG बोले- निस्वार्थ भाव से काम करना चाहिए
उपराज्यपाल ने एचआरडीएस-इंडिया के अध्यक्ष स्वामी आत्मा नांबी और उनके साथियों के निस्वार्थ सेवा भाव को सराहा। प्रभावित परिवारों के लिए घर सिर्फ दीवारें और छतें नहीं हैं, बल्कि वे सपनों और उम्मीदों की निशानी हैं और परिवार के सदस्यों के लिए अच्छी जिंदगी और निजी विकास की नींव हैं।
जरूरतमंद परिवारों की मदद सरकारी सहयोग के बिना की जा रही है। यह हमें मजबूत संदेश देता है कि हम सभी को जम्मू कश्मीर और उसके निवासियों भलाई के लिए एकजुट हो निस्वार्थ भाव से काम करना चाहिए।
उपराज्यपाल ने कहा कि स्मार्ट घर नींव के काम के सिर्फ छह महीने के अंदर पूरे हो जाएंगे। इनमें गौशाला जैसी खास सुविधा भी है। लाभार्थियों को एक सामाजिक सुरक्षा का पैकेज भी प्रदान कर रहा है जिसमें 15 साल का निश्शुल्क जीवन बीमा, परिवार के सभी सदस्यों के लिए सालाना हेल्थ चेक-अप शामिल हैं। वह इन मकानों का अगले पांच वर्ष तक देखभाल का जिम्मा भी उठा रहा है।

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