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    माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, इस दिन से खुलेंगे पवित्र गुफा के कपाट; कब से चली आ रही यह परंपरा?

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 11:36 PM (IST)

    पवित्र मकर संक्रांति पर स्वर्ण जड़ित पवित्र व प्राचीन गुफा के कपाट खोलने से पहले आयोजित होने वाली पूजा अर्चना के समय श्राइन बोर्ड सीईओ अंशुल गर्ग के साथ ही अन्य अधिकारी पुजारी तथा पंडित आदि मौजूद रहेंगे जो स्वर्ण जड़ित पवित्र प्राचीन गुफा की पूजा अर्चना करेंगे। इस पवित्र गुफा के कपाट खोलेंगे। यह परंपरा प्राचीन समय से चली जा रही है।

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    इंतजार खत्म, मकर संक्रांति पर खुलेगा वैष्णो देवी की पवित्र गुफा। फाइल फोटो

    राकेश शर्मा, कटड़ा। मां वैष्णो देवी की पवित्र व प्राचीन स्वर्ण जड़ीत गुफा के कपाट आगामी 14 जनवरी मकर संक्रांति पर विधिवत पूजा अर्चना के उपरांत खुलेंगे। जिसको लेकर मां वैष्णो देवी के भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर पवित्र मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद पुजारियों तथा पंडितों द्वारा मां वैष्णो देवी की स्वर्ण जड़ित पवित्र प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। 

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    आगामी 14 जनवरी को पवित्र मकर संक्रांति के अवसर पर मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती के उपरांत पुजारयों तथा पंडितों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद मां वैष्णो देवी की स्वर्ण जड़ित पवित्र प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। पूजा अर्चना के बाद सर्वप्रथम पुजारियों के साथ ही पंडित तथा श्राइन बोर्ड सीईओ तथा अधिकारी गुफा में प्रवेश करेंगे। उसके बाद संभवत श्रद्धालुओं को गुफा में प्रवेश करने का मौका मिल सकता है।

    प्राचीन समय से चली आ रही है परंपरा

    परंतु यह सब श्रद्धालुओं की संख्या पर निर्भर करता है। अगर पवित्र मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ हुई तो श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा के भीतर जाने का मौका कम ही मिल सकता है। पवित्र मकर संक्रांति पर स्वर्ण जड़ित पवित्र व प्राचीन गुफा के कपाट खोलने से पहले आयोजित होने वाली पूजा अर्चना के समय श्राइन बोर्ड सीईओ अंशुल गर्ग के साथ ही अन्य अधिकारी, पुजारी तथा पंडित आदि मौजूद रहेंगे। 

    स्वर्ण जड़ित पवित्र प्राचीन गुफा की पूजा अर्चना करेंगे। इस पवित्र गुफा के कपाट खोलेंगे। यह परंपरा प्राचीन समय से चली जा रही है। क्योंकि दशकों पहले जब मां वैष्णो देवी की यात्रा बहुत ही कम हुआ करती थी, यानी की गर्मी के मौसम में ही मां वैष्णो देवी की यात्रा हुआ करती थी और सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्राचीन गुफा बंद कर दी जाती थी।

    पवित्र मकर संक्रांति पर पूजा अर्चना के बाद पवित्र प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए जाते थे जिसको लेकर मां वैष्णो देवी की यात्रा शुरू हो जाती थी। यही परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।

    श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा में प्रवेश करने का मिलेगा सौभाग्य

    हालांकि, साल दर साल बढ़ रही मां वैष्णो देवी की यात्रा के मध्य नजर पूरे साल भर पवित्र व प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोलना संभव नहीं है। इसलिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा पुजारीयों तथा पंडितों के सानिध्य में पवित्र मकर संक्रांति पर इस पवित्र गुफा के कपाट खोल दिए जाते हैं। 

    श्रद्धालुओं को पूरे सालभर केवल फरवरी माह ही एक ऐसा होता है जिसमें श्रद्धालुओं को गुफा में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है। चुकी फरवरी माह में यात्रा का आंकड़ा प्रतिदिन का आमतौर पर 8000 से 10000 के मध्य ही रहता है और इस समय अवधि में श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा के भीतर प्रवेश करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

    यात्रा करने वाले श्रद्धालु हमेशा इस घड़ी का बेसब्री से इंतजार करते हैं ताकि जीवन में चाहे एक बार ही सही उन्हें पवित्र व प्राचीन गुफा के भीतर जाने का सौभाग्य प्राप्त हो। लिहाजा श्रद्धालु पवित्र मकर संक्रांति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें पवित्र व प्राचीन गुफा के भीतर जाने का सौभाग्य मिले।

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