Kishtwar Cloudburst: हिम्मत नहीं हारी और जीवन के लिए किया संघर्ष, 6 घंटे तक मलबे में फंसा रहा अमनदीप
किश्तवाड़ के चाशोती में बादल फटने से तबाही हुई। ऊधमपुर के अमनदीप सिंह नामक व्यक्ति इस त्रासदी में बाल-बाल बचे। रामनगर के मूल निवासी अमनदीप घटना के दिन चाशोती में थे। उन्होंने बताया कि कैसे वे मलबे में फंस गए थे और सुरक्षाबलों ने उन्हें बचाया। अमनदीप की जीवित रहने की कहानी साहस और ईश्वरीय कृपा का प्रतीक है।

शेर सिंह, जागरण, ऊधमपुर। किश्तवाड़ के चाशोती में विनाशकारी बादल फटने की घटना में जहां कई परिवार उजड़ गए, वहीं ऊधमपुर शहर के शिवनगर मोहल्ले में रहने वाले अमनदीप सिंह पुत्र जोगिंदर सिंह सौभाग्य से इस त्रासदी से जीवित बच गए। अमनदीप मूलरूप से रामनगर तहसील के रहने वाले हैं।
घटना वाले दिन प्रकृति के प्रकोप ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। देखते ही देखते लोग असमय मौत के शिकार हो गए और परिवार बिखर गए। इसी बीच अमनदीप सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और जीवन के लिए संघर्ष किया। वे घायल अवस्था में मिले जिन्हें तुरंत बचाकर इलाज के लिए सैन्य अस्पताल ऊधमपुर भेजा गया, जहां उनका उपचार जारी है।
अमनदीप की जीवित रहने की कहानी साहस और ईश्वरीय कृपा का प्रतीक है। हालांकि वे धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं, लेकिन इस हादसे की भयावह यादें हमेशा उनके साथ बनी रहेंगी।
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दूसरों को अपने परिजनों को खोते देखना उनके लिए दर्दनाक स्मृति है, मगर उनका जीवित बचना इस आपदा के बीच आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है।अमरनदीप ने बताया कि वह एक दुकान में पकौड़े खरीद रहा था और इसी बीच एक तेज आवाज सुनी और लोग भागते नजर आए।
मैंने एक व्यक्ति को भागते देखा और मैं भी उसके पीछे भागा। इसी बीच अचानक से मलबा आया और मैं और साथ मौजूद लोग उसमें फंस गए। मैं बेहोश हो गया। जब मुझे होश आया तो मेरे पास बुजुर्ग व्यक्ति था और वह भी मलबे में दबा था। मैंने उसकी सांस देखी तो पाया कि वह जीवित है। इतनी देर में मुझे एक परछाई नजर आई। मैंने उस परछाई की तरफ आवाज लाई। उसने मुझे पूछा आप ठीक हो और मैंने कहा हां में ठीक हूं।
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इसके बाद हमें बचाने के लिए सुरक्षाबल आ गए। घंटों मशक्कत करने के बाद मुझे और उस व्यक्ति को मलबे से बाहर निकालने में कामयाब रहे। इस दिन काले दिन को मैं कभी जीवन में भूल नहीं सकुंगा। ईश्वर के चमत्कार से ही मैं जीवित बच पाया हुं।
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