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    'यह नहीं कह सकते EVM पर भरोसा नहीं, रोना बंद कर हार स्वीकार करें', उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दे दी नसीहत

    Updated: Sun, 15 Dec 2024 07:04 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम पर कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ईवीएम पर रोना बंद कर देना चाहिए और अपनी हार को स्वीकार करना चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब आप जीतते हैं तो ईवीएम ठीक है लेकिन जब आप हारते हैं तो ईवीएम का रोना रोने लगते हैं।

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    EVM को लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दी नसीहत, फाइल फोटो।

    पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दु्ल्ला ने ईवीएम पर कांग्रेस की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया। सीएम अब्दुल्ला ने नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस को ईवीएम पर रोना बंद कर देना चाहिए और अपनी हार को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आप जीतते हैं तो ईवीएम ठीक है, लेकिन जब आप हारते हैं तो ईवीएम का रोना रोने लगते हैं।

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    समाचार एजेंसी पीटीआई से साक्षात्कार में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब उसी ईवीएम से सौ से अधिक सांसद चुनकर आते हैं तब आप उस जीत को सेलिब्रेट करते हैं, लेकिन कुछ ही महीनों बाद आप यह नहीं कह सकते कि ईवीएम सही परिणाम नहीं दे रहा है। क्योंकि, अब चुनाव नतीजे उस तरह नहीं आ रहे हैं जैसा हम चाहते हैं।

    'जो सही है, वो सही है'

    सीएम उमर अब्दुल्ला का यह बयान बीजेपी से बिल्कुल मैच कर रहा है। बीजेपी भी यही कहती है कि विपक्षी पार्टी जब जीतती है तो ईवीएम ठीक है और जब हारती है तो ईवीएम को भला बुरा कहती है।

    हालांकि, जब उनसे कहा कि आप भाजपा प्रवक्ता की तरह लग रहे हैं, तो उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान न करे! उन्होंने आगे कहा कि कि नहीं, यह बस इतना ही है, जो सही है वह सही है।

    'नए संसद भवन की हमें जरूरत थी'

    सीएम उमर ने कहा कि मुझे लगता है कि दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के साथ जो हो रहा है वह बहुत अच्छी बात है। मेरा मानना ​​​​है कि एक नए संसद भवन का निर्माण एक उत्कृष्ट विचार था।

    हमें एक नए संसद भवन की आवश्यकता थी। पुराना भवन पुराना हो चुका था। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पार्टियों को मतदान तंत्र पर भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

    'कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में नहीं किया काम'

    बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिली थीं। लेकिन नेकां ने 42 सीटों पर जीत दर्ज कर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई।

    नेकां अधिकारियों ने निजी तौर पर कहा है कि कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान अपना काम नहीं किया और सारा भार उन पर छोड़ दिया। फिर भी एनसी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 42 सीटें जीतीं और कांग्रेस को छह सीटें मिलीं।

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