जेड मोड़ टनल खुलने से गुलजार हुआ इलाका, सैलानियों की चहल-पहल में बदली सोनमर्ग की वीरानगी
सोनमर्ग जो सर्दियों में वीरान रहता था अब सैलानियों और खिलाड़ियों से गुलजार हो उठा है। जेड मोड़ सुरंग खुलने के बाद सोनमर्ग में पर्यटकों की आमद बढ़ गई है। स्कीइंग स्नोबोर्डिंग और स्नोशू रेस के शौकीन यहां का रुख कर रहे हैं। सोनमर्ग विकास प्राधिकरण ने शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए आइस स्केटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया है।
नवीन नवाज, श्रीनगर। सर्दियों में वीरान रहने वाला कश्मीर घाटी का अंतिम कस्बा सोनमर्ग अब सैलानियों से गुलजार हो उठा है। चारों तरफ बिछी बर्फ की सफेद चादर पर अब कोई सेल्फी ले रहा है तो कोई स्लेज की सवारी का आनंद उठा रहा है। स्कीइंग के शौकीनों के लिए जैसे स्वर्ग का द्वार खुल गया हो।
सोनमर्ग में यह चमत्कार जेड मोड़ सुरंग खुलने के बाद हुआ है। यही नहीं सुरंग ने गरीबी और पिछड़ेपन के अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता बना दिया है। सुरंग के उद्घाटन पांच दिन के भीतर ही हजारों पर्यटक सुरंग से सोनमर्ग की हसीन वादियों को निहारने के लिए पहुंच रहे हैं।
सर्दियों में वाहनों की आवाजाही हो जाती थी बंद
श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजि ला की तलहट्टी में स्थित सोनमर्ग सिर्फ गर्मियों में सैलानियों से गुलजार रहता था। उनमें अधिकांश अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु होते हैं। लेह जाने वाले यात्री ही यहां रुकते थे।
सर्दियों में सोनमर्ग में वाहनों की आवाजाही बंद हो जाती थी, क्योंकि गगनगीर और जेड मोड में हिमस्खलन और भूस्खलन की आशंका रहती। ऐसे में अगर किसी को सोनमर्ग पहुंचना होता तो उसे पैदल चलना पड़ता था।
13 जनवरी को हुआ था सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन
सोनमर्ग में सर्दियों में होटल भी लगभग बंद रहते थे। सैलानी सिर्फ गगनगीर तक सीमित रहते थे। गत 13 जनवरी को सोनमर्ग सुरंग का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद सोनमर्ग की परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं।
सोनमर्ग विकास प्राधिकरण ने शीतकालीन खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन विभाग और आइस स्केटिंग एसोसिएशन के सहयोग से सात दिवसीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया है। सोनमर्ग में स्थापित आइएस रिंक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
सोनमर्ग में बनाया गया है आइस रिंक
आइस स्केटिंग एसोसिएशन के महासचिव मोहम्मद अशरफ ने कहा कि पहले हमारे पास ले-देकर गुलमर्ग ही था जहां शीतकालीन खेलों की सुविधा है। अब सोनमर्ग भी तैयार होने लगा है। यहां स्नो बोर्डिंग और स्नोशू रेस के लिए बेहतर माहौल है। यहां आइस रिंक बनाया गया है, वह शायद ही देश में कहीं और होगा।
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पहले हम सर्दियों में सिर्फ गगनगीर में आने वाले पर्यटकों के लिए स्लेज और घोड़े की सुविधा उपलब्ध करा रोजगार कमाते थे। गगनगीर में कोई ज्यादा भीड़ नहीं होती थी, लेकिन यहां सोनमर्ग में सुरंग खुलने की देर रही है, यहां तो खूब भीड़ हा गई है। यहां थाजवास ग्लेशियर है,यहां बर्फ ढका जोजि ला भी लुभाता है।
-इम्तियाज कसाना
पर्यटक भी हुए खुश
दिल्ली से आए रोहित कुमार ने कहा कि मैं कश्मीर में पहले भी चार बार घूमने आ चुका हूं। मैंने सोनमर्ग गर्मियों में ही देखा था। गुलमर्ग और पहलगाम सर्दियों में भी घूम चुका हूं। हम दोस्तों ने सोनमर्ग सुरंग के उद्घाटन की बात सुनकर नए रोमांच के लिए यहां आने का कार्यक्रम बनाया था। हम बुधवार को श्रीनगर पहुंचे थे। वाकई यह लाजवाब है। वहीं दूसरी ओर जेड मोड़ सुरंग की सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं।
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