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    देश के लिए सर्वोच्च बलिदान, अब वीरता पुरस्कार से सम्मान; रोंगटे खड़े कर देगी हुमायूं भट के साहस की कहानी

    By Agency Edited By: Prince Sharma
    Updated: Sat, 25 Jan 2025 09:55 PM (IST)

    Republic Day 2025 गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिवंगत जम्मू-कश्मीर पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह महज 32 वर्षीय थे जब अनंतनाग में साल 2023 में आतंकियों के साथ एक मुठभेड़ में बलिदान हो गए थे। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुमायूं को साहसिक कार्यों के लिए कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया गया था।

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    Republic Day 2025: हुमायूं भट को वीरता पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित (फाइल फोटो)

    पीटीआई, श्रीनगर। Republic Day 2025: दिवंगत जम्मू-कश्मीर पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हुमायूं साल 2023 में दक्षिणी कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। 

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    उन्हें यह सम्मान साल 2021 में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान साहसिक कार्यों को सम्मान देने के लिए दिया गया है। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुमायूं को साहसिक कार्यों के लिए कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया गया था। यह अवॉर्ड देश का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है।

    कौन हैं हुमायूं भट?

    महज 32 वर्षीय भट उन चार कर्मियों में से एक थे, जिन्होंने 13 सितंबर, 2023 को आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में अपनी जान गंवा दी थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी फातिमा और उनका शिशु बेटा अशर हैं।

    भट के साथ-साथ कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और सिपाही प्रदीप सिंह ने भी दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के पहाड़ी क्षेत्र में भीषण मुठभेड़ के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।

    फातिमा उन्हें 'हिमू' कहकर पुकारती थीं। वह कहती हैं कि हुमायूं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। वह न केवल बुद्धिमान, साहसी और समझदार थे, बल्कि मुक्ति और प्रगति की गहरी भावना से प्रेरित एक दूरदर्शी भी थे।

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    भट को 29 जून, 2021 को एक मुठभेड़ के दौरान "असाधारण साहस" दिखाने के लिए वीरता पदक मिला। भट हमेशा कहा करते थे कि उनके जाने के बाद उनकी बेटी का ख्याल रखना।

    हुमायूं भट का परिवार दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में रहता है। वह काफी लंबे समय से यही रह रहे थे। जब भट बलिदान हुए उससे एक साल पहले ही उनकी शादी हुई थी।

    उस दौरान उनका बच्चा महज 29 दिन का था। हुमायूं साल 2019 बैच के अधिकारी थे। उनके पिता गुलाम हसन भट्ट भी पुलिस में बड़े अधिकारी हैं।

    पाकिस्तानी आतंकियों को किया बेअसर

    हुमायूं के साहसिक कार्यों की गिनती नहीं है। उनके उल्लेखनीय कार्यों में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष स्थानीय कमांडर अबरार को बेअसर करना भी शामिल है। इसके साथ-साथ श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को बेअसर करने में भी हुमायूं महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

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