मतपत्रों के दौर में हेराफेरी नहीं होती थी? क्या हम भूल चुके हैं, EVM को लेकर CM उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पर फिर कसा तंज
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि अगर किसी को ईवीएम को लेकर शिकायत है तो उसे यह शिकायत सिर्फ अपनी हार के बाद नहीं करनी चाहिए। उसे जीत के बाद भी करनी चाहिए और सारा साल करनी चाहिए। उन्होंने एक राष्ट्र-एक चुनाव का भी विरोध किया और निकट भविष्य में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की संभावना जताई।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि अगर ईवीएम को लेकर किसी को शिकायत है तो उसे यह शिकायत सिर्फ अपनी हार के बाद नहीं करनी चाहिए। उसे जीत के बाद भी करनी चाहिए और सारा साल करनी चाहिए।
आज दिल्ली में पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने एक राष्ट्र-एक चुनाव का भी विरोध किया और निकट भविष्य में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की संभावना जताते हुए आज किसी प्रकार की मुलाकात से इंकार किया।
उन्होंने कहा कि यहां कई मुद्दे हैं, जिन पर मैं केंद्रीय गृहमंत्री से चर्चा करना चाहता हूं, लेकिन आज कोई मुलाकात नहीं हुई है और मुझे नहीं पता कि मुलाकात की बात कहां से उठी है। मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर में एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसमें गृह मंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने एक राष्ट्र-एक चुनाव का भी विरोध किया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात संभावित थी जो कथित तौर पर अंतिम समय में स्थगित हो गई।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वीरवार को नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में जम्मू कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य का भी जायजा लेने जा रहे हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल नहीं होंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक बैठक में मौजूद रहेंगे।
अमित शाह के साथ कई मुद्दों पर करेंगे चर्चा
केंद्रीय गृहमंत्री के साथ आज की मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं पता कि यह खबरें कहां से आती हैं। अगर कोई बैठक होती है, तो आपको या तो मेरे द्वारा या गृह मंत्री के कार्यालय द्वारा सूचित किया जाता।
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में जम्मू कश्मीर के मामलों में केंद्रीय गृहमंत्री की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि इस समय जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है। हमें उनसे कई मुद्दों पर चर्चा करनी है और मैं भविष्य में उनसे मिलने की योजना बना रहा हूं।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बारे में अपनी हालिया टिप्पणियों के बारे में बोलते हुए उमर ने कहा मैंने जो कहा वह कोई नयी बात नहीं है। मैंने लगातार कहा है कि अगर किसी को ईवीएम के बारे में चिंता है, कोई संदेह है तो तो उसे लगातार इसे व्यक्त करना चाहिए, न कि केवल तब जब वह चुनाव हार जाए।
चुनाव में जीन मिलने पर ही ईवीएम की शिकायत करनी चाहिए, ऐसा नहीं होना चाहिए जब आप जीतें तो सब ठीक है और जब हारें तो ईवीएम में दोष है।
'यह आरोप सही नहीं, सच बोलता रहूंगा'
ईवीएम अगर सही नहीं है तो हमें वापस मतपत्रों को अपनाना होगा। लेकिन क्या मतपत्रों की व्यवस्था के समय हेराफेरी नहीं होती थी, उसे क्या हम भूल चुके हैं। उस समय मतपेटियां छीनकर, उनमें मतपत्र ठूंसे जाने की घटनाएं होती थीं।
ईवीएम शुरू होने से पहले के अपने शुरुआती चुनावों में मैंने उन मुद्दों से दो चार हो चुका हूं। कांग्रेस नेताओं के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि कुछ गठबंधन सदस्य मंत्री पद संभालने के बाद अलग सुर अपनाते हैं तो उमर अब्दुल्ला ने कहा कहा कि यह आरोप सही नहीं है।
जिस साक्षात्कार की बात की जा रही है, उसी में मैंने सोनिया गांधी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि कांग्रेस की पूरे देश में उपस्थिति है। इस मुल्क में दो ही पार्टियां हैं जिनकी पूरे देश में छाप है और यह भाजपा और कांग्रेस ही हैं। मौजूदा हालात में विपक्ष का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी स्वभाविक तौर पर कांग्रेस की बनती है।
क्या यह भाषा भाजपा की है। यह भाजपा की भाषा नहीं बल्कि सच्चाई है। मैं सिर्फ इसलिए सच बोलना बंद नहीं करूंगा क्योंकि मैं मुख्यमंत्री पद पर आसीन हूं।
यह भी पढ़ें- 'यह नहीं कह सकते EVM पर भरोसा नहीं, रोना बंद कर हार स्वीकार करें', उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दे दी नसीहत
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।