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    जम्मू-कश्मीर के इन जिलों में VPN इस्तेमाल पर लगा बैन, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की आशंका के चलते फैसला

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 03:51 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, कुलगाम, बडगाम और शोपियां जिलों में सुरक्षा कारणों से वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सेवाओं पर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया ...और पढ़ें

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    घाटी के कई जिलों में वीपीएन पर लगी पाबंदी

    जागरण संवाददाता,श्रीनगर। घाटी के कई जिलों में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें कुपवाड़ा, कुलगाम, बडगाम और शोपियां जिले शामिल हैं. प्रशासन ने इन जिलों में मोबाइल फोन पर सभी वीपीएन सेवाओं को अगले दो महीने तक तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया है। 

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    वीपीएन सेवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

    आदेश के अनुसार, पुलिस रिपोर्ट से पता चला कि इन जिले के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से वीपीएन सेवाओं के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। इससे गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए उनके संभावित दुरुपयोग की आशंकाएं बढ़ गईं।

    'व्यक्तिगत नोटिस भेजना संभव नहीं'

    प्रशासन ने बताया कि वीपीएन एन्क्रिप्टेड डेटा ट्रांसमिशन की अनुमति देते हैं, आईपी एड्रेस (IP Address) छुपाते हैं और उपयोगकर्ताओं को वेबसाइट प्रतिबंधों और फॉयरवाल को बायपास करने में सक्षम बनाते हैं, जिससे निगरानी मुश्किल हो जाती है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह आदेश एकतरफा पारित किया गया है, क्योंकि सभी संबंधित पक्षों को व्यक्तिगत नोटिस भेजना संभव नहीं था।

    साइबर खतरों के मद्देनजर लिया फैसला

    आदेश में कहा गया है कि ऐसी क्षमताओं का दुरुपयोग अशांति फैलाने, भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हानिकारक गतिविधियों के समन्वय हेतु किया जा सकता है। इसमें यह भी बताया किया गया है कि एन्क्रिप्टेड संचार (Encrypted Communication) संवेदनशील जानकारी को साइबर खतरों के सामने उजागर कर सकता है, जिससे डेटा और सूचना सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।

    दो महीने तक VPN सेवाओं पर रोक

    इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, इन चार जिलों के मजिस्ट्रेट ने जिले के भीतर मोबाइल उपकरणों पर सभी प्रकार की वीपीएन सेवाओं को निलंबित करने के लिए वैधानिक शक्तियों का प्रयोग किया। यह निलंबन जारी होने की तारीख से दो महीने तक लागू रहेगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा इसे पहले ही रद्द न कर दिया जाए।