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    कश्मीर में सरकारी योजना की आड़ में धोखाधड़ी, सीबीके ने उड़ी निवासी के खिलाफ दायर किया आरोपपत्र

    By Raziya Noor Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 04:34 PM (IST)

    अपराध शाखा कश्मीर की आर्थिक अपराध विंग ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के ऊड़ी निवासी मुनीर अहमद कटारिया के खिलाफ पशुधन धोखाधड़ी मामले में आरोप पत्र ...और पढ़ें

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    शिकायतकर्ता को काफी वित्तीय नुकसान हुआ।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। अपराध शाखा कश्मीर की आर्थिक अपराध विंग ने पशुधन धोखाधड़ी मामले में उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के ऊड़ी क्षेत्र के एक निवासी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोपी पर सरकारी योजना की आड़ में फर्जी समझौतों और बाउंस चेक के जरिए एक पशु व्यापारी को धोखा देने का आरोप है।

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    जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने सरकारी कोटा योजना के तहत भुगतान का वादा करके व्यापारी को लाखों रुपये के पशुधन की आपूर्ति करने के लिए लुभाया था।

    आर्थिक अपराध विंग ने आरपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 17-2023 के मामले में आरोपी जिसकी पहचान मुनीर अहमद कटारिया पुत्र नूर-उद-दीन कटारिया निवासी उड़ी सलामाबाद, वर्तमान पता शुटरलू रोहामा, बारामूला के खिलाफ श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दायर किया है।

    पशुधन की बिक्री से संबंधित है यह मामला

    विंग द्वारा इस सिलसिले मेें जारी एक बयान में कहा गया है कि यह मामला पशुधन की बिक्री के संबंध में धोखाधड़ी और बड़ी रकम के गबन की लिखित शिकायत से शुरू हुआ था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे सरकारी एसटी कोटा योजना के तहत भुगतान के आश्वासन पर गाय और भेड़ की आपूर्ति करने के लिए प्रेरित किया गया था।

    शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उक्त विंग ने जांच शुरू की और जांच के दौरान यह सामने आया कि शिकायतकर्ता, जो मवेशियों और भेड़ों की खरीद-बिक्री का व्यवसाय करता है, ने लाखों रुपये के पशुधन, जिसमें गाय और भेड़ शामिल हैं, की आपूर्ति की थी।

    शिकायतकर्ता को नुकसान हुआ, खुद उसे फायदा

    बयान में यह भी कहा गया है कि उसका विश्वास जीतने के लिए शुरू में आंशिक भुगतान किया गया था। इसके बाद, आरोपी ने 30 लाख के कई चेक जारी किए, जिनमें से सभी अपर्याप्त बैलेंस के कारण बाउंस हो गए। बार-बार आश्वासन के बावजूद, शेष भुगतान कभी नहीं किया गया, जिससे शिकायतकर्ता को काफी वित्तीय नुकसान हुआ।

    बयान में यह भी कहा गया है कि जांच में आगे पता चला कि आरोपी ने एक सरकारी कल्याण योजना के तहत खरीद के झूठे बहाने से गुमराह करने वाले समझौते करके फर्जी चेक जारी कर एक सोची-समझी कार्यप्रणाली अपनाई, जिससे शिकायतकर्ता को नुकसान हुआ और उसे खुद फायदा हुआ।

    इकट्ठे किए गए सबूतों के आधार पर, आरोपी मुनीर अहमद कटारिया के खिलाफ सेक्शन 420, 467, 468, और 471 आरपीसी के तहत अपराध पूरी तरह से साबित होते हैं, और न्यायिक फैसले के लिए सक्षम कोर्ट में आरोपपत्र पेश किया गया है।