123 साल पुराने चर्च की अनोखी कहानी, क्रिश्चियन नहीं'; मुस्लिम करते हैं देखभाल; गुलमर्ग में मनाया गया व्हाइट क्रिसमस
श्रीनगर के गुलमर्ग में स्थित सैंट मैरी चर्च अपनी अनोखी पहचान के लिए प्रसिद्ध है। क्रिसमस के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां प्रार्थना करने आते हैं। ...और पढ़ें

अनोखे चर्च की देखभाली मुस्लिम करता है। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। आज देशभर में क्रिसमस की धूम है। इस दिन लोग चर्च जाकर प्रभु के सामने प्रार्थना करते हैं। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में स्थित एक चर्च अपनी अनोखी पहचान के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन काफी संख्या में श्रद्धालु बर्फ से ढके गुलमर्ग के बीचोंबीच स्थित सैंट मैरी चर्च आते हैं। श्रद्धालु शांतिपूर्वक लाइन में खड़े हो जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
खास बात यह है कि इस चर्च की देखभाल कोई क्रिश्चियन नहीं, बल्कि एक मुस्लिम व्यक्ति करता है। मुजफ्फर अहमद नामक व्यक्ति स्थानीय मुस्लिम हैं, जो 123 साल पुराने विक्टोरियन शैली के इस चर्च की देखभाल करते हैं। क्रिसमस के दिन जब श्रद्धालु चर्च की बेंचों पर बैठते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होती है। वे बताते हैं कि कई लोग उनकी पहचान जानकर बेहद आश्चर्य करते हैं।
मुजफ्फर अहमद ने कहा कि जब लोग सुनते हैं कि एक मुस्लिम इस चर्च का रखवाला है तो वे बहुत खुश होते हैं। यह जानकर अच्छा लगता है कि मेरी सेवा से लोगों को खुशी मिल रही है।
पर्यटकों के खिले चेहरे, व्हाइट क्रिसमस का लुत्फ
बता दें कि जिन पर्यटकों को कश्मीर में व्हाइट क्रिसमस मनाना होता है, वो सीधे सेंट मैरी चर्च आ जाते हैं। उनका सपना यहां साकार हो जाता है। पर्यटकों का कहना है कि व्हाइट क्रिसमस मनाना अद्भुत है। कई पर्यटकों का सेंट मैरी चर्च और बर्फ में क्रिसमस मनाने का सपना होता है।
गुलमर्ग इस समय बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ है। पूरे चर्च पर बर्फ जमा हुआ है। यहां शून्य से नीचे का तापमान है। क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए इस 'शीतकालीन वंडरलैंड' में बड़ी संख्या में पर्यटक आ चुके हैं। अगले सप्ताह तक होटल पूरी तरह से बुक हैं। पर्यटकों की आमद देखकर स्थानीय लोगों में उत्साह है।

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