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    जम्मू-कश्मीर में हरेक गरीब के सिर पर होगी पक्की छत, मकान बनाने को जमीन भी मिलेगी

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 02:53 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर में प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को पक्का छत मिले यह सुनिश्चित करने के लिए काम शुरू किया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत ग्रामीण उन्मूलन का प्रयास जारी है। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाए जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दो दिवसीय दौरे पर कश्मीर पहुंचे हैं।

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में करीब पांच लाख ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनके पास पक्का घर नहीं है और उन्हें सरकारी योजना के तहत आवास मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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    श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने फैसला किया है कि जो लोग अभी भी घर से वंचित हैं, उन्हें स्थायी आश्रय दिया जाएगा। जिनके पास मकान बनाने के लिए जमीन नहीं है, उन्हें पांच मरला जमीन भी दी जाएगी। चौहान ने बताया कि लाभार्थियों की पहचान के लिए एक सर्वेक्षण किया गया है और सत्यापन पूरा होने के बाद आवास आवंटन शुरू हो जाएगा। सत्यापन महत्वपूर्ण है ताकि कोई अपात्र नाम शामिल न हो।"

    उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को पक्का छत मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए काम शुरू किया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत, ग्रामीण उन्मूलन का प्रयास जारी है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाए जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि "स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से, सरकार 'लखपति दीदी' योजना के तहत महिलाओं की वार्षिक आय को एक लाख रुपये से अधिक करने का लक्ष्य बना रही है"।

    चौहान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यह योजना आगे बढ़ रही है और कई महिलाएं पहले ही लखपति का दर्जा हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने एक नई श्रेणी, “मिलेनियल दीदी” का भी उल्लेख किया, जो उन महिलाओं के लिए है जिनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

    रोजगार पर बोलते हुए, चौहान ने कहा कि मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाओं को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन उन मुद्दों को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस वर्ष मनरेगा के तहत श्रमिकों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और क्षेत्र में कार्यान्वयन चल रहा है। “सरकार रोजगार के लिए कुशल युवाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और नई शैक्षिक पहल शुरू की जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड योजना से अधिक किसानों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है”।

    उन्होंने कहा कि उनके दौरे के दौरान कई समस्याओं पर चर्चा की गई और केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुसार, हम जम्मू-कश्मीर के पूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।