By naveen sharmaEdited By: Mohammad Sameer
Updated: Sun, 27 Aug 2023 05:30 AM (IST)
Jammu Kashmir News आने वाले दिनों में कोचीन और चेन्नई में जम्मू कश्मीर पर्यटन मेला आयोजित किया जाएगा। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन महोत्सव और इंटरनेशनल ट्रेड मार्ट में शामिल होने पर भी विचार कर रही है। इससे पूर्व कारवां-विरासत 2023 का पर्यटन विभाग के सचिव सैयद आबिद रशीद शाह ने उद्घाटन किया
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पर्यटन सचिव सैयद आबिद रशीद शाह ने कहा कि कश्मीर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक जम्मू कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई संजीवनी साबित हुई है। यहां देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या अब लगातार बढ़ रही है।
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उम्मीद है कि इस वर्ष यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बीते वर्ष आए पर्यटकों की संख्या से ज्यादा होगी। यहां टैगोर हाल में जश्न-ए-अदब, सांस्कृतिक कारवां समारोह का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से शाह ने कहा कि हमारा पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है। जम्मू कश्मीर में गोल्फ पर्यटन,साहसिक पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
फिल्म पर्यटन फिर से पटरी पर लौट आया है। पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ साथ यहां पर्यटन संबंधी ढांचागत सुविधाओं का भी तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि जी-20 पर्यटन कार्यसमूह के सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद कश्मीर में विदेशी पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा में भी विदेशी पर्यटक शामिल हो रहे हैं। जम्मू कश्मीर में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए 75 धार्मिक स्थलों के अलावा ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व के 75 स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग का एक दल इन दिनों अहमदाबाद में जम्मू कश्मीर में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए गया है।
जम्मू कश्मीर पर्यटन मेला आयोजित होगा
आने वाले दिनों में कोचीन और चेन्नई में जम्मू कश्मीर पर्यटन मेला आयोजित किया जाएगा। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन महोत्सव और इंटरनेशनल ट्रेड मार्ट में शामिल होने पर भी विचार कर रही है। इससे पूर्व कारवां-विरासत 2023 का उद्घाटन करने के के बाद अपने संबोधन में पर्यटन सचिव ने कहा कि तीन दिन तक चलने वाला यह सांस्कृतिक कार्यक्रम हिंदुस्तानी साहित्य, कला और संस्कृति में निहित गहन विरासत का सार बताएगा।
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उन्होंने सांस्कृतिक विरासत की लौ की रक्षा के लिए युवाओं के कंधों पर सौंपी गई सर्वोपरि जिम्मेदारी पर जोर देते हुए इस भावना को दोहराया। उन्होंने कहा कि अगर लोग बदलते समय के साथ विकसित होने में हिचकिचाते हैं, तो भाषा और साहित्य का ताना-बाना अनिवार्य रूप से लड़खड़ा सकता है।
उर्दू कवि और जश्न-ए-अदब फाउंडेशन के संस्थापक, कुंवर रणजीत चैहान ने हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य की शाश्वत जीवंतता की सराहना की। उन्होंने बताया कि डिजिटल युग ने युवाओं में हिंदी और उर्दू की समृद्धि का पता लगाने के लिए नए सिरे से रुचि पैदा की है, जिससे कालातीत कला और आधुनिक मंचों के बीच की खाई को प्रभावी ढंग से पाट दिया गया है।
यह पुनरुत्थानशील आकर्षण हिंदुस्तानी कला को मुख्यधारा की प्रमुखता की ओर प्रेरित कर रहा है। अगले तीन दिनों के दौरान, उपस्थित लोगों को मनमोहक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला से रूबरू कराया जाएगा जिसमें आकर्षक वार्तालाप सत्र, कवि सम्मेलन की लयबद्ध सद्भावना और मुशायरे की आत्मा-उत्तेजक छंद शामिल हैं, जिन्हें हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित कवियों द्वारा जीवंत किया गया है।
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