किश्तवाड़ के जंगलों में आतंकियों के छिपे होने का इनपुट, सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी
छात्रू क्षेत्र में आतंकियों की तलाश जारी है, सुरक्षाबल पहाड़ों और जंगलों में तलाशी अभियान चला रहे हैं। नेत, सिंहपुरा और आसपास के इलाकों में अभी तक कोई ...और पढ़ें
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छात्रू में दो से तीन आतंकी सक्रिय (प्रतिकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। किश्तवाड़ जिले के छात्रू क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने की इनपुट के बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिए हैं। सेना के जवान पहाड़ों और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। नेत, सिंहपुरा और आसपास के इलाकों में तलाशी के बाद भी अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त दल ड्रोन, डाग स्क्वायड और आधुनिक उपकरणों की मदद से जंगलों की खाक छान रहे हैं। हालांकि, क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति चुनौतीपूर्ण है।
लगातार लोकेशन बदल रहे आतंकी
सूत्रों के अनुसार, इन इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी पिछले दो सालों से सक्रिय हैं। जो पहाड़ों और जंगलों में छिपकर गतिविधियां चला रहे हैं। वह पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के संपर्क में हैं और आकाओं के आदेश पर जवानों पर हमले कर अंडर ग्राउंड हो जाते हैं।
इन हमलों में पांच से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं। आतंकी लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहते हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
बीपीएन नेटवर्क को किया निलंबित
किश्तवाड़ के डीसी पंकज शर्मा के आदेश पर बीपीएन नेटवर्क को भी निलंबित कर दिया गया है। उनका मानना है कि आतंकियों को किसी स्थानीय से मदद मिल रही है, जो उन्हें खाने-पीने चीजें उपलब्ध करवा रहा है। अब पहाड़ों पर बर्फ जमने लगी है। आतंकी पहाड़ों पर अधिक समय नहीं बिता सकेंगे।
ज्यादा दिन नहीं बच पाएंगे आतंकी
एसएसपी किश्तवाड़ नरेश सिंह ने कहा कि आतंकी हमेशा से धुंध व कोहरे का लाभ उठाते रहे हैं। इसलिए हमने चारों ओर पहाड़ों पर घेराबंदी कर रखी है। आतंकी ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएंगे। आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी अब स्थानीय लोग भी दे रहे हैं। यही कारण है कि पुलिस और सुरक्षाबल समय-समय पर आतंकियों की तलाश में अभियान चला रहे हैं।

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