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    वंदे भारत से करें कश्मीर की वादियों का दीदार, दिल्ली से श्रीनगर के बीच रेल मार्ग लगभग तैयार; जनवरी में होगा उद्घाटन

    Updated: Sat, 16 Nov 2024 02:54 PM (IST)

    कटड़ा से श्रीनगर के बीच की टी-1 सुरंग में आई अड़चनों को दूर कर दिया गया है। जल्द ही ट्रेन रूट दिल्ली और कन्याकुमारी से श्रीनगर सीधा जुड़ जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से कश्मीर की घाटियों से सुहाना सफर शुरू होगा। इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को भी चलाने का प्रस्ताव है। लोग अब ट्रेन में बैठकर वादियों का दीदार कर सकेंगे।

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    टी-1 टनल की अड़चनें दूर, ट्रेन से सीधे जुड़ेंगे दिल्ली और श्रीनगर।

    दीपक बहल, अंबाला। देश के सबसे चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण कटड़ा से श्रीनगर के बीच की टी-1 टनल (सुरंग) में आई अड़चनों को दूर कर दिया गया है। जल्दी ही ट्रेन रूट दिल्ली और कन्याकुमारी से श्रीनगर सीधा जुड जाएगा। रेलवे का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट को 31 दिसंबर तक पूरा करने का है, ताकि जनवरी में इस रूट पर दिल्ली से सीधी ट्रेनें चल सकें।

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    गणतंत्र दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ कर सकते हैं। रेलवे के इस अहम प्रोजेक्ट में कश्मीर की घाटियों से सुहाना सफर शुरू होने के साथ-साथ ट्रैक और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सिक्योरिटी आडिट को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है। मौजूदा समय में कटड़ा तक जाने वाली ट्रेनों में से किन-किन का विस्तार श्रीनगर तक किया जाए इसकी तैयारी चल रही है।

    सबसे कठिन कटरा-बनिहाल 111 किमी रेल ट्रैक तैयार

    श्रीनगर तक रेल कनेक्टिविटी होते ही रेल यातायात और वीवीआइपी मूवमेंट बढ़ेंगी। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक में सबसे कठिन कटरा-बनिहाल 111 किमी लंबा रेल मार्ग तैयार कर लिया गया है। इसमें कटड़ा रिहायशी क्षेत्र के बीच 3.2 किमी की टी-1 सुरंग का कार्य भी शामिल है।

    जिस आकार में सुरंग को बनाया जा रहा था, वह बन नहीं पा रही थी। इसके लिए विदेशी विशेषज्ञों की सहायता ली गई। अब इसकी अड़चनों को दूर कर लिया गया है। यह प्रोजेक्ट अब अंतिम चरण में है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से समय मिलते ही इस प्रोजेक्ट के उद्घाटन की तिथि की आधिकारिक घोषणा रेलवे की ओर से कर दी जाएगी। मौजूदा समय में सिर्फ कटड़ा तक सीधा रेल सफर हो पाता है।

    प्रोजेक्ट में सामने आईं कई चुनौती

    272 किलोमीटर लंबे रेल रूट प्रोजेक्ट का काम अब अंतिम चरण में है। 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा से बनिहाल के हिस्से का काम चल रहा है। इसी पर आर्च पुल बनाया है। यह रेल खंड परियोजना का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा था। यहां पहाड़ी क्षेत्र में 97% ट्रैक सुरंग या पुल से गुजरता है। रियासी व रामबन जिले की पहाड़ियों में सुरंग बनाने का काम बेहद कठिन रहा।

    कश्मीर तक वंदे भारत चलाने की भी योजना

    कटड़ा से श्रीनगर तक रेल कनेक्टिविटी होते ही इस रूट पर वंदेभारत एक्सप्रेस को भी चलाने का प्रस्ताव है। चेन्नई की रेल कोच फैक्ट्री में तैयार वंदेभारत देश के विभिन्न हिस्सों में पटरी पर उतर चुकी है। इस रूट पर कम कोच वाली गाड़ी चलाएंगे।

    इन ट्रेनों का प्रस्ताव किया गया तैयार

    यह प्रोजेक्ट पूरा होते ही 32 ट्रेनों (अप-डाउन) को पटरी पर दौड़ाया जाएगा। इसके तहत ट्रेन नंबर 12425/26 न्यू दिल्ली से जम्मूतवी, 12445/46 न्यू दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटरा, 16031/32 चेन्नई सेंट्रल से माता वैष्णो देवी कटरा, 11449/50 जबलपुर से माता वैष्णो देवी कटरा, 16787/88 तिरुनेलवेली से माता वैष्णो देवी कटरा, 16317/18 कन्याकुमारी से माता वैष्णो देवी कटरा, 19803/04 कोटा से माता वैष्णो देवी कटरा, 12331/32 हावड़ा से जम्मूतवी व सात अन्य रेल शामिल हैं।

    दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज को बनाया

    इस प्रोजेक्ट में दुनिया के सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज भी शामिल है। प्रोजेक्ट में कुल 38 सुरंग हैं। इसमें सबसे बड़ी सुरंग 12.75 किलोमीटर की है। 927 पुल भी हैं, जिनमें चिनाब पुल भी शामिल है। इसकी लंबाई 1375 मीटर, आर्चर की लंबाई 467 मीटर और ऊंचाई 359 मीटर है। एफिल टावर से करीब 35 मीटर ऊंचे इस पुलिस को सबसे ऊंचा आर्चर पुल माना जाता है।

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