'पहलगाम हमले को कैसे भूल जाएं', जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग पर और क्या बोले CJI?
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्य के दर्जे की बहाली की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस पर विचार किया जा रहा है।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम संसद में लाया गया। इसके आधार पर प्रदेश को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया।
इस तरह जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्रशासित प्रदेश में बंट गया। पिछले छह वर्षों से प्रदेश के राज्य के दर्जे की बहाली की मांग की जा रही है। इस मामले में आठ अगस्त के बाद आज फिर सुनवाई हुई।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
'तुषार मेहता की दलील पर किया विचार'
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर भी गौर किया कि फैसला लेने की प्रक्रिया में कई बातों पर विचार किया जा रहा है।
कोर्ट ने शिक्षाविद जहूर अहमद भट और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद मलिक द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से आठ हफ्ते में जवाब मांगा है।
भट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन द्वारा जल्द सुनवाई की मांग पर सीजेआई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में जमीनी हालात को भी ध्यान में रखना होगा। पहलगाम में जो हुआ उसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते... इस बाबत संसद और कार्यपालिका को फैसला लेना है।
वहीं, कांग्रेस विधायक इरफान हाफिज लोन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमने अपनी दरख्वास्त सुप्रीम कोर्ट में रखी थी। हमें विश्वास है कि इसका फैसला गुण-दोष के आधार पर होगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय मिलेगा।
राज्य का दर्जा जल्द करें बहाल: सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि 11 दिसंबर, 2023 को, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा। इसके साथ ही, अदालत ने आदेश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराए जाएं और इसका राज्य का दर्जा "जल्द से जल्द" बहाल किया जाए।
पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र को दो महीने के भीतर जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
(पीटीआई इनपुट के साथ)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।