Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीनगर सेंट्रल जेल में छापेमारी, जेल में बंद आतंकियों से मिले मोबाइल और सिम कार्ड; जांच में जुटी पुलिस

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 07:14 PM (IST)

    श्रीनगर सेंट्रल जेल में छापेमारी कर सिम कार्ड मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया है। जेल में इन उपकरणों के मिलने से सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आशंका है कि जेल में बंद कुछ आतंकी कश्मीर घाटी में फिर से आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की साजिश रच रहे थे।

    Hero Image
    श्रीनगर सेंट्रल जेल में छापेमारी, आपत्तिजनक सामान बरामद (File photo)

    राज्य ब्यूरो,जागरण,श्रीनगर। प्रदेश जांच एजेंसी एसआइए और जम्मू-कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर सीआइके विंग के एक संयुक्त कार्यदल ने बुधवार को श्रीनगर स्थित सेंट्रल जेल में तलाशी ली। इस दौरान सिमकार्ड, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों व अन्य आपत्तिजनक साजो-सामान बरामद किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जेल में इन उपकरणों के मिलने के बाद, पुलिस ने जेल में इन्हें लाने वाले तत्वों को पकड़ने के लिए अलग से एक मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जेल में आज की छापेमारी, कश्मीर घाटी में आतंकी नेटवर्क को फिर से खड़ा करने के एक षड्यंत्र के तार जेल में बंद कुछ आतंकियों से जुड़े होने के मामले में की गई है।

    सुरक्षा प्रबंधों पर उठे सवाल

    श्रीनगर सेंट्रल जेल प्रदेश में अत्याधिक सुरक्षा वाली जेल मानी जाती है। इसमें बंद आतंकियों और आतंकियोंं के ओवरग्राउंड वर्करों के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड व अन्य डिजिटल उपकरणों का उपलब्ध होना, जेल के सुरक्षा प्रंबन्ध पर भी सवाल उठाता है। जेल से इन्हीं संचार उपकरणों से आतंकियों की भर्ती और आतंकी हमलों का एक नेटवर्क चल रहा था।

    पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बीते वर्ष जम्मू कश्मीर पुलिस ने घाटी में आतंकी गतिविधियो को फिर से बढ़ाने के लिए पाकिस्तान में रचे जा रहे एक षडयंत्र का पता लगाया था।

    इस षडयंत्र के तहत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआई और पाकिस्तान व गुलाम जम्मू-कश्मीर में बैठे आतंकी सरगना घाटी मे अपने ओजीडब्लयू, समर्थकों और मददगारों की मदद से नए आतंकी मॉड्यूल तैयार करने में लगे हुए थे।

    जांच में जुटी एसआइए और सीआइके

    पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर इस षड्यंत्र को विफल बनाया और एक मामला दर्ज कर इसे पूरे षड्यंत्र के तार खंगालने शुरू किए। बाद में इस मामले की जांच में एसआइए और सीआइके दोनों को शामिल किया गया।

    जांच के दौरान पता चला कि आतंकी हैंडलर इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग करके, कश्मीर के युवाओं में धर्मांध जिहादी मानसिकता को पैदा कर उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाने के साथ ही उन्हें आतंकी संगठनों में शामिल कर रहे हैं।

    प्रवक्ता ने बताया कि जांच में यह भी पता ला कि श्रीनगर सेंट्रल जेल में बंद कई विचाराधीन आतंकी/ओजीडब्ल्यू/विभिन्न प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के समर्थक और मददगार सीमा पार बैठे आतंकी हैंडलरों और घाटी समेत प्रदेश के विभिन्न भागों में सक्रिय आतंकियों व ओजीडब्लयू के बीच बिचौलियों का काम कर रहे हैं।

    वह सीमा पार से मिलने वाले दिशा निर्देशों को प्रदेश में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचा रहे हैं औरउनका यह सारा संचार तंत्र जेल में मोबाइल फोन व अन्य उपकरणो के अनाधिकृत इस्तेमाल पर आधारित है।

    डिजिटल उपकरणों के रूप में आपत्तिजनक सामग्री जब्त

    प्रवक्ता ने बताया कि सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अदालत की अनुमति के आधार पर आज सुबह एसआइए और सीआइके के एक संयुक्त कार्यदल ने श्रीनगर सेंट्रल जेल में छापा डाला। जेल में तीन ब्लाक और बैरकों की तलाशी ली गई,जिसमें सिम कार्ड, मोबाइल फोन तथा अन्य डिजिटल उपकरणों के रूप में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।

    संबधित सूत्रों ने बताया कि एसआइए और सीआइके के दल ने जेल में बंद कुछ विचाराधीन आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों से भी पूछताछ की है,लेकिन इस विषय में पुलिस अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इंकार किया है।

    उन्होंने बताया कि प्रवक्ता ने बताया कि मोबाइल फोन का दुरुपयोग करके आतंकवाद काे समर्थन और बढ़ावा देने वाले आतंकवादी सहयोगियों/ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

    यह भी पढ़ें- JKRTC कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 20 प्रतिशत बढ़ा महंगाई भत्ता; 5 साल बाद बढ़ा है डीए

    comedy show banner
    comedy show banner