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    शौर्य चक्र विजेता मुदासिर की मां नहीं जाएंगी पाकिस्तान, पुलिस ने बताया सोशल मीडिया पर वायरल खबरों का सच

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 09:04 AM (IST)

    शौर्य चक्र विजेता बलिदानी मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर को पाकिस्तानी नागरिक बताकर वापस पाकिस्तान भेजे की चर्चाएं थीं। इन खबरों का पुलिस ने खंडन किया है। खबर थी कि शमीमा अख्तर जो गुलाम जम्मू कश्मीर की निवासी हैं को अन्य 59 लोगों के साथ निर्वासित किया जा रहा है। लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ऐसी खबरों का खंडन कर दिया है।

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    राष्ट्रपति ने मुदस्सिर अहमद शेख की मां को प्रदान किया था शौर्य चक्र (फोटो- सोशल मीडिया)

    नवीन नवाज, श्रीनगर। जैश-ए-मोहम्मद के हिट स्क्वॉड एंटी के तीन खूंख्वार आतंकियों को मार गिराते हुए वीरगति को प्राप्त हुए मुदस्सिर अहमद शेख उर्फ बिंदास की मां शमीमा अख्तर को पाकिस्तान नहीं भेजा जा रहा है। दरअसल, ऐसी कई खबरें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही थीं कि उन्हें पाकिस्तान भेजा जाएगा। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन भ्रामक खबरों का खंडन करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

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    बारामूला जिला पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, शहीद (शौर्य चक्र विजेता) कॉन्स्टेबल मुदासिर अहमद उर्फ ​​बिंदास की मां की कथित वापसी के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें झूठी, निराधार हैं और इनका स्पष्ट रूप से खंडन किया जाता है।

    दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि बिंदास की मां शमीमा अख्तर को यह कहकर पाकिस्तान भेजा रहा है कि वह भारत की नहीं बल्कि गुलाम जम्मू कश्मीर की रहने वाली हैं। बेशक उनकी शादी यहां हुई है, लेकिन वह सरहद पार की हैं।

    59 लोगों को भेजा गया वाघा बॉर्डर

    गुलाम जम्मू-कश्मीर व पाकिस्तान से कश्मीर में आए 59 लोगों को वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेजा जा रहा है। इनमें उनमें अधिकांश पूर्व आतंकियों की पत्नियां और बच्चे शामिल हैं। इनमें से 36 श्रीनगर में, नौ-नौ बारामुला और कुपवाड़ा में, चार बड़गाम में और दो शोपियां जिले में रह रहे हैं।

    यहां बता दें कि शमीमा अख्तर समेत गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से आए लोगों को इकट्ठा कर लिया गया था। इसके बाद मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद यूनुस ने आपत्ति जताते हुए था कि कि शौर्य चक्र विजेता की मां को भी पाकिस्तान भेजने की तैयारी है और पुलिस उसे अपने साथ ले गई है। हालांकि देर शाम वह बयान से पलट गए और कहा कि शमीमा अख्तर को डिपोर्ट नहीं किया जा रहा है। हम इसके लिए गृह मंत्रालय के आभार हैं। वहीं, पुलिस ने शमीमा को पाकिस्तान भेजे जाने की बात को अफवाह बताया है

    राष्ट्रपति ने मुदस्सिर की मां को प्रदान किया था शौर्य चक्र

    जम्मू कश्मीर पुलिस के आतंकरोधी दस्ते में शामिल मुदस्सिर अहमद शेख उर्फ बिंदास जिला बारामुला के कुंजर इलाके में 22 मार्च 2022 को जैश-ए-मोहम्मद के हिट स्क्वॉड पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट के तीन सदस्यों को भीषण मुठभेड़ में मार गिराने के दौरान वीरगति को प्राप्त हुआ था।

    बलिदानी मुदस्सिर अहमद शेख को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया और मई 2023 में दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बलिदानी मुदस्सिर उर्फ बिंदास की मां शमीमा को अपने कर कमलों से शौर्य चक्र प्रदान किया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पांच अक्टूबर 2022 को बलिदानी मुदस्सिर के घर जाकर उनके परिजनों के साथ भेंट की और बलिदानी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

    बलिदानी मुदस्सिर अहमद शेख के सम्मान में जिला बारामूला के मुख्य चौराहे का नामकरण मुदस्सिर शेख के नाम पर ही किया गया है। बारामूला के मुख्य चौराहे को बिंदास चौराहा भी कहा जाता है,क्योंकि मुदस्सिर को उसके दोस्त व अधिकारी बिंदास पुकारते थे।

    45 साल पहले कश्मीर में हुई थी शादी

    बलिदानी मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद यूनुस ने बताया कि मुदस्सिर के पिता मकसूद अहमद जो स्वयं जम्मू कश्मीर पुलिस में थे, की शादी 1960 में हुई थी। मोहम्मद यूनुस से बताया कि मुदस्सिर की मां शमीमा अख्तर का परिवार और हमारा परिवार एक ही खानदान से है। उसका परिवार 1947 के दौरान गुलाम जम्मू कश्मीर चला गया था।

    मुदस्सिर के पिता के साथ उसकी शादी हुए 45 साल से ज्यादा हो चुके हैं। वह वीजा पर यहां आयी थी। बाद में उसकी नागरिकता को लेकर अदालत में भी मामला चला था, हमने उच्च न्यायालय में जीत हासिल की और उसे स्थायी तौर पर यहां कश्मीर में रहने का हक मिला।

    डिस्कलेमर: इस खबर में बदलाव किया गया है। प्रारंभिक सूचना के आधार पर खबर पहले प्रकाशित की गई थी। फैक्ट चेक में यह जानकारी गलत पाई गई। जागरण डॉट कॉम खबरों की सत्यता को लेकर सदैव सजग रहा है। हम अपने पाठकों तक तथ्यात्मक और पुष्ट जानकारी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस असुविधा के लिए सुधी पाठकों के प्रति खेद प्रकट करते हैं।

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