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    खुद बंट गए कश्मीर को बांटने वाले, दो और अलगाववादी संगठनों ने तोड़ा नाता; अंत की कगार पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस

    Updated: Thu, 27 Mar 2025 07:47 PM (IST)

    कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर शिकंजा कसता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को घाटी के विभिन्न इलाकों में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी मुस्लिम कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स लीग समेत विभिन्न संगठनों व नेताओं के घरों की तलाशी ली। इसी बीच दो और अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-इस्तिकलाल और तहरीक-ए-इस्तिकमात ने भी अलगाववाद व आजादी के नारे से तौबा करते खुद को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह अलग बताया है।

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    अलगाववादी संगठन कर रहे हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से तोबा (जागरण फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के समूल नाश के लिए अभियान तेज कर दिया दिया है। इसके तहत गुरुवार को भी पुलिस ने जहां घाटी के विभिन्न इलाकों में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी, मुस्लिम कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स लीग समेत विभिन्न संगठनों व नेताओं के घरों की तलाशी ली, वहीं दो और अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-इस्तिकलाल और तहरीक-ए-इस्तिकमात ने भी अलगाववाद व आजादी के नारे से तौबा करते हुए खुद को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह अलग बताया है।

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    पुलिस की कार्रवाई और विभिन्न अलगाववादी संगठनों के अलगाववाद से तौबा किए जाने से जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है। 

    बीते छह वर्ष से लगभग निष्क्रिय पड़ी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (All Parties Hurriyat Conference) विभिन्न अलगाववादी संगठनों का एक साझा मंच है और जब इसके घटक अलग हो जाएंगे तो यह खुद-व-खुद समाप्त हो जाएगा। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो गुट हैं और दोनों गुटों के अधिकांश नेता जेल में ही हैं।

    मीरवाइज मौलवी उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) जो उदारवादी गुट के प्रमुख हैं, कुछ माह पहले ही नजरबंदी से मुक्त हुए हैं।

    तीन आतंकी संगठनों ने तोड़ा था नाता

    उल्लेखनीय है कि तीन अलगाववादी संगठनों माेहम्मद शरीफ सरताज की अगुआई वाले जेएंडके फ्रीडम पार्टी, शाहिद सलीम की जेकेपीएम और एडवोकेट शफी रेशी के संगठन जेकेडीपीएम ने 24 और 25 मार्च को हुर्रियत से नाता तोड़ राष्ट्रीय संविधान और भारत की एकता अखंडता व संप्रभुता में अपनी आस्था जताई।

    उन्होंने कहा कि हुर्रियत एक एजेंडा विहीन संगठन है, जिसकी नीतियों से कश्मीरियों का कभी कोई भला नहीं हुआ, सिर्फ नुकसान हुआ है।

    इसी क्रम में दो और अलगागवादी संगठनों तहरीक-ए-इस्तिकलाल और तहरीक-ए-इस्तिकमात ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ने का एलान किया है। तहरीक-ए-इस्तिकलाल के अध्यक्ष गुलाम नबी सोफी  (Gulam Nabi Sofi) ने कहा कि मेरा अब हुर्रियत समेत ऐसे किसी भी संगठन से कोई नाता नहीं है, जो भारत की एकता अखंडता या संप्रभुता के खिलाफ बात करता हो।

    'कश्मीरियत को पहुंचाया नुकसान'

    कश्मीर की आजादी और कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा पूरी तरह से गलत है और इस नारे के कारण हम कश्मीरियों के साथ न्याय नहीं कर पाए, हमने कश्मीर और कश्मीरियत को नुकसान पहुंचाया है। तहरीक-ए-इस्तिकमात के उप-प्रधान अहमद ने भी अलगाववाद से नाता तोड़ने का एलान किया।

    कहा कि अलगाववाद और आजादी का नारा पूरी तरह से पाकिस्तानी एजेंडा साबित हुआ है, जबकि हम कश्मीर और कश्मीरियों की भलाई की बात करते हैं। कश्मीरियों को उनके मौलिक व लाेकतांत्रिक अधिकार पूरी तरह से नहीं मिल रहे थे, वह मिले हैं, आज हम पूरे हिंदुस्तान के बराबर के नागरिक हैं।

    जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के ठिकानों की ली गई तलाशी

    इस बीच, पुलिस ने आज श्रीनगर में पठान कॉलोनी जकूरा और डाउन-टाउन श्रीनगर के नवाकदल में स्थित जम्मू कश्मीर पीपुल्स लीग के तोता गुट के प्रधान बशीर अहमद तोता के ठिकानो की तलाशी ली। दक्षिण कश्मीर के जिला शोपियां के अंतर्गत पुलिस ने त्रेंज, इमामसाहिब, चोटीपोरा और मलडूरा में करीब एक दर्जन जगहों पर तलाशी ली।

    यह तलाशी जमीयतुल तुलबा, जमात-ए-इस्लामी के पूर्व जिला प्रधान मुफीजुल रहमान गनई, जमाते इस्लामी के पूर्व तहसील प्रधान मोहम्मद इमरान वानी, मुस्लिम लीग के पूर्व नेता मोहम्मद यूसुफ मीर और जमात-ए-इस्लामी से जुड़े जावेद अहमद तांत्रे व जलालदीन बट, मोहम्मद यूसुफ वानी और मोहम्मद अशरफ गोंची के ठिकानों में हुई है। जिला बारामुला में पुलिस ने मुस्लिम लीग और जमाते इसलामी से जुढ़े चार लोगो के ठकानों की तलाशी ली। इनमें एक का नाम इरफान अहमद कबाडी़ है।

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