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    Amarnath Yatra को लेकर घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 06:32 PM (IST)

    3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात हैं और निगरानी बढ़ाई गई है। आईटीबीपी और सीआरपीएफ मिलकर गुफा मंदिर के पास तैनात रहेंगे। तीर्थयात्री वाहनों के काफिले का समय तय होगा और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

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    घाटी में अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण संचालन के लिए सुरक्षा के अभूततपूर्व प्रबंध (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददता, श्रीनगर। 3 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर, तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। विशेष रूप से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) और अन्य महत्वपूर्ण सड़क संपर्क मार्गों पर जवानों की तैनाती कर दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि महत्वपूर्ण जंक्शनों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, जबकि यातायात को नियंत्रित करने और आवाजाही पर नज़र रखने के लिए एनएच- 44 पर कई चौकियां स्थापित की गई हैं।

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    अधिकारी ने कहा कि राजमार्ग और महत्वपूर्ण चौराहों पर सुरक्षा बलों की तैनाती पूरी कर ली गई है। मार्ग के प्रमुख बिंदुओं पर तलाशी बढ़ा दी गई है। निगरानी को तेज कर दिया गया है। इस वर्ष एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मिलकर अमरनाथ गुफा मंदिर के करीब तैनात की जाएगी, ताकि आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। तीर्थयात्रा मार्ग और आधार शिविरों पर ड्रोन गतिविधि की निगरानी के लिए विशेष टीमें भी तैनात की गई हैं।

    उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री वाहन को नागरिक यातायात के साथ मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों के काफिले का समय तय होगा और बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर अर्धसैनिक बलों द्वारा उनकी सुरक्षा की जाएगी।

    यात्रा काफिले की बिना किसी बाधा आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए डॉग स्क्वॉड, काउंटर-आईईडी उपकरण, वाहन मरम्मत इकाइयां और रिकवरी टीमें भी तैनात की गई हैं। सेना के हेलीकॉप्टर और ड्रोन लगातार क्षेत्र की निगरानी के लिए हवाई निगरानी करेंगे।

    सीआरपीएफ की 137 बटालियन के कमांडेंट रमेश कुमार ने कहा कि राजमार्ग के किनारे विभिन्न बिंदुओं पर विशेष डॉग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं। डरने की कोई बात नहीं है। हमारी टीमें सतर्क और तैयार हैं।" इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने अधिकारियों को सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने का निर्देश दिया था, खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कमजोर बिंदुओं पर।

    उन्होंने जिला स्तर के अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और किसी भी संभावित आतंकी खतरे को विफल करने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया। डीजीपी ने जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति और परिचालन तत्परता की भी समीक्षा की।

    अधिकारियों को मोटर वाहन जांच चौकियों (एमवीसीपी) को बढ़ाने, रात्रिकालीन जांच करने और अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में उच्च सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए। तीर्थयात्रा 9 अगस्त तक जारी रहने वाली है, इसलिए अधिकारी पवित्र अमरनाथ यात्रा में भाग लेने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और निर्बाध यात्रा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।