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    'युवा जेलों में सड़ रहे हैं, यह मुद्दा नहीं...', उमर सरकार की तबादले से जुड़ी मीटिंग को लेकर भड़कीं महबूबा मुफ्ती

    By Agency Edited By: Prince Sharma
    Updated: Fri, 04 Apr 2025 06:53 PM (IST)

    पीपुल्स डेमोक्रेटिक की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने जम्मू-कश्मीर में ट्रांसफर विवाद (Jammu Kashmir Transfer Controvery) पर नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार असल मुद्दों जैसे युवाओं की गिरफ्तारी बेरोजगारी और जनहित समस्याओं से भाग रही है और ट्रांसफर जैसे मामूली मामलों पर ध्यान दे रही है। उन्होंने सरकार पर दिल्ली के आगे आत्मसमर्पण का आरोप लगाया।

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    जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (जागरण फोटो)

    पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों के ट्रांसफर से जुड़े विवाद पर शुक्रवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की एंट्री हुई। पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लेने के बजाय इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि उनके और उपराज्यपाल के बीच कौन ट्रांसफर से जुड़े फैसले लेने के लिए अधिकृत है।

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    मुफ्ती ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार पर नई दिल्ली के सामने 'आत्मसमर्पण' करने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,

    लोगों ने सोचा था कि जब नई सरकार आएगी, तो वह उनके अधिकारों की रक्षा करेगी। दुर्भाग्य से, छह महीने हो गए हैं, लेकिन सरकार ने जेलों में युवाओं की दुर्दशा, हमारे कर्मचारियों की बर्खास्तगी, या दैनिक मजदूरों, बेरोजगारी आदि के मुद्दों पर बात नहीं की है। सरकार ने हर चीज में कायरता दिखाई है

    मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कि केंद्र शासित प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के साथ टकराव नहीं चाहती है। पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि एनसी सरकार उन मुद्दों के बारे में बात करने से भी "डरती" है, जिन पर लोगों ने उसे वोट दिया था। जिनके जरिए वे सत्ता में आए।

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    ट्रांसफर से जुड़े मुद्दे पर क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती?

    पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब सीएम के नेतृत्व वाले विभाग के कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया, तो अब्दुल्ला ने कुछ नहीं कहा। महबूबा मुफ्ती ने एनसी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक का हवाला देते हुए कहा,

    आज पटवारियों (राजस्व अधिकारियों) के तबादले के लिए एक पार्टी और उसके सहयोगी दलों के विधायक एकत्र हुए। क्या जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इन मुद्दों के लिए इस पार्टी को वोट दिया? क्या पटवारियों के तबादले का मुद्दा बड़ा मुद्दा है? या मुद्दा यह है कि हमारे युवा जेलों में सड़ रहे हैं? या यह कि हर दिन छापे पड़ रहे हैं? या यह कि स्थिति में सुधार के बावजूद जामिया मस्जिद बंद है?'

    महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा,

    हम वास्तविक समस्याओं के बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन इस बारे में बात करते हैं कि पटवारियों का तबादला कौन करेगा? ग्राम स्तर के कर्मचारियों का तबादला कौन करेगा? मुझे लगता है कि यह बहुत बुरा है। जम्मू-कश्मीर सरकार खुद इसके लिए जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार बनते ही उन्होंने यह कहते हुए आत्मसमर्पण कर दिया कि वे दिल्ली के साथ कोई टकराव नहीं चाहते।

    मुफ्ती ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस उन मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती या कोई स्टैंड नहीं लेना चाहती जो मायने रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि धारा 370 को छोड़ दें, वे इसका नाम नहीं लेना चाहते, लेकिन वे लोगों की अन्य समस्याओं के बारे में भी बात नहीं करते। वे इस मुद्दे को उठाते हैं कि एलजी ने पटवारियों का तबादला क्यों किया और हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 

    मुझे लगता है कि इतने बड़े जनादेश वाली सरकार के लिए यह अच्छी बात नहीं है या इतने छोटे मुद्दों पर इतनी बड़ी बैठक बुलाना अच्छी बात नहीं है। मुझे लगता है कि यह लोगों द्वारा दिए गए जनादेश के साथ मजाक है।

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