Srinagar News: 'केंद्र सरकार और EC के बीच मैच है फिक्स्ड...' जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पर बोले उमर अब्दुल्ला
नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मुद्दे पर केंद्र सरकार व चुनाव आयोग के बीच एक फिक्स्ड मैच है। उन्होंने 16 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठक पर कहा कि देखेंगे वहां कांग्रेस के नेता क्या कहते हैं और क्या कांग्रेस को अपनी गलती का अहसास है या नहीं।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मुद्दे पर केंद्र सरकार (Central Govt) व चुनाव आयोग (Election Commission) के बीच एक फिक्सड मैच है।
दोनों एक दूसरे के पाले में गेंद फेंक रहे हैं। एक निर्वाचित सरकार के संवैधानिक हक से जम्मू कश्मीर की जनता को वंचित किया जा रहा है, जो कि अनुचित है।
पीएम मोदी पर साधा निशाना
आज दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह जम्मू कश्मीर को लेकर दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी दोनों को दूर करना चाहते हैं, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई प्रगति क्यों नहीं हुई?
लोगों को चुनाव से किया जा रहा वंचित
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव न कराकर केंद्र सरकार इस पूरे प्रदेश को बरबादी की तरफ धकेल रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों का संवैधानिक हक है कि वह अपने वोट का इस्तेमाल कर अपनी सरकार चुनें, लेकिन वर्ष 2014 के बाद से उन्हें इस हक से वंचित किया जा रहा है।
केंद्र सरकार व चुनाव आयोग के बीच मैच फिक्स
उन्होंने कहा कि यहां केंद्र सरकार और चुनाव आयेाग के बीच एक अजीब तरह का फिक्सड मैच खेला जा रहा है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के मुद्दे पर दोनों एक दूसरे के पीछे छिप रहे हैं।
केंद्र सरकार कहतीहै कि यह चुनाव आयोग तय करेगा और चुनाव आयेाग कहता है कि सरकार फैसला लेगी। विधानसभा चुनाव न कराने का नुक्सान जम्मू कश्मीर की जनता को हो रहा है।
अमित शाह के बयान पर दी प्रतिक्रिया
अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाए जाने के संदर्भ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बताएं कि जम्मू कश्मीर की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर क्या हासिल हुआ है? जम्मू कश्मीर के साथ जो वादे किए गए थे, वह किसी दल या किसी दल के नेता ने नहीं किए गए थे, वह इस देश ने किए थे।
जम्मू कश्मीर का इस मुल्क से जो रिश्ता बना था, वह किसी दिल्ली के नेता या दिल्ली के किसी राजनीतिक दल से नहीं बना था। इस रिश्ते को कमजोर बनाना या तोड़ना अगर मुबारक का विषय है तो फिर यह लोग एक दूसरे को मुबारक देते रहें। हकीकत तो यह है कि चाहे जम्मू कश्मीर हो या लद्दाख, हर जगह लोग पांच अगस्त 2019 के फैसले से दुखी और नाराज हैं।
दूसरे धर्म और आस्था का करना चाहिए सम्मान
लोगों ने डीडीसी के चुनाव में करगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव में अपनी यह नाराजगी जताई है। अगर जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाते तो हम भी बताते। डीएमके के सांसद सेंथिल के गोमूत्र संबंधी बयान पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह निंदाजनक है।
कोई भी इससे इंकार नहीं कर सकता कि यहां करोड़ों लोगों की आस्था इससे जुडी हुई है। हम सभी को एक दूसरे के धर्म और धार्मिक आस्था का सम्मान करना चाहिए। हमारे मुंह से ऐसी कोई बात नहीं निकलनी चाहिए जिससे किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे।
16 दिसंबर को कांग्रेस की बैठक
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विस चुनावों पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आईएनडीआईए (I.N.D.I.A) ने इन चुनावों में भाग नहीं लिया है। अगर गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ता तो भी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। राजस्थान में स्थिति कुछ बेहतर हो सकती थी।
ऐसे हालात में अब आईएनडीआईए को कैसे संसदीय चुनावों के लिए तैयार किया जाए, यह तय करना है। सुना है कि अब 16 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस ने बैठक (Congress Meeting) बुलाई है। देखेंगे कि वहां कांग्रेस के नेता क्या कहते हैं और क्या कांग्रेस को अपनी गलती का अहसास है या नहीं।
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