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    बेहतर होता अगर महबूबा ने दिल्ली के सामने मुद्दा उठाया होता: श्रीनगर में पीडीपी के विरोध प्रदर्शन पर बोले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

    उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ़्ती के राजनीतिक कैदियों की नज़रबंदी और जमात-ए-इस्लामी से जुड़े स्कूलों के नियंत्रण के खिलाफ प्रदर्शन पर कहा कि उन्हें विरोध करने दीजिए। बेहतर होता कि वे दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से बात करतीं क्योंकि फैसले वहीं होते हैं। राज्य का दर्जा बहाल करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्काल सुनवाई खारिज करने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि कौन अदालत गया था।

    By naveen sharma Edited By: Rahul Sharma Updated: Mon, 25 Aug 2025 01:36 PM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को निर्धारित है।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती द्वारा देश भर की जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों की नज़रबंदी के विरोध में श्रीनगर में किए गए प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।

    श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अगर वह विरोध कर रही हैं, तो उन्हें करने दीजिए। लेकिन बेहतर होता कि वह दिल्ली जाकर वहाँ के नेतृत्व से बात करतीं, क्योंकि ऐसे सभी मुद्दों पर दिल्ली में ही फैसला होता है। जैसा कि हमने किया, हम दिल्ली गए और इन मुद्दों को उठाया। अगर वह अब भी विरोध करना चाहती हैं, तो कर सकती हैं।"

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    जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्काल सुनवाई खारिज करने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री ने उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं पता कि तत्काल सुनवाई के लिए कौन अदालत गया था।

    मैं अभी आपके सामने मुख्यमंत्री के रूप में सुप्रीम कोर्ट की वजह से हूं। उन्होंने चुनाव कराने का आदेश दिया और समय सीमा दी और मैं उसी की वजह से यहाँ हूं। लेकिन उन्होंने राज्य के दर्जे के लिए समय सीमा नहीं दी, इसलिए हमें इंतज़ार करना पड़ रहा है।" उमर ने कहा, अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को निर्धारित है और मुझे उम्मीद है कि समय सीमा बता दी जाएगी और हमें 10 अक्टूबर के बाद कुछ मिलेगा।

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