'चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल...', उमर अब्दुल्ला ने राहुल गांधी की आशंकाओं से किया किनारा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राहुल गांधी की चुनावी निष्पक्षता पर आशंकाओं से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता पर सवाल जीत-हार पर आधारित नहीं होने चाहिए। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की अप्रत्याशित जीत का हवाला देते हुए उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास पर जोर दिया।

उमर अब्दुल्ला और राहुल गांधी की फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनावों की निष्पक्षता को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आशंकाओं से खुद को अलग रखते हुए कहा है कि किसी भी चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाना जीत या हार पर निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक नतीजों की परवाह किए बिना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में निरंतर विश्वास की आवश्यकता पर जोर दिया है।
नई दिल्ली में एक मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र के चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जाने पर कहा कि यह उनकी राय हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब चीजें मेरे हिसाब से नहीं होती हैं तो मुझे बहाने बनाने की आदत नहीं है।अगर मैं हारने पर चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाता हूं, तो मुझे जीतने पर भी यह मानने के लिए तैयार रहना चाहिए कि चुनाव निष्पक्ष नहीं है।
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जम्मू कश्मीर में गत अक्टूबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के प्रदर्शन का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदर्शन उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर रहा। किसी को उम्मीद नहीं थी कि हमें इस तरह से बहुमत मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार वास्तव में नतीजों में हेरफेर करना चाहती थी, तो वे मुझसे कुछ सीटें छीनकर अल्ताफ बुखारी जैसे किसी व्यक्ति को दे सकती थी। लेकिन फिर भी, लोगों ने इसे नियमित वोट-विभाजन के रूप में लेकर खारिज कर दिया होता । उमर अब्दुल्ला का यह प्रतिक्रिया चुनावी राजनीति को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच मतभेदों को उजागर करती है।
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