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    J&K News: उमर ने भी माना 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिति सुधरी, राजौरी व पुंछ में बढ़ रही आंतकी हिंसा पर जताई चिंता

    By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Sun, 25 Feb 2024 02:15 AM (IST)

    नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी अब मान लिया है कि जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 के बाद स्थिति में सुधार और शांति बहाली हुई है। हालांकि उन्होंने राजौरी-पुंछ में बढ़ रही आतंकी हिंसा पर चिंता भी जताई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने कई विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को सरकारी नौकरी व अन्य कई पैकेजों के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें कश्मीर में बसाया।

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    उमर अबदुल्लाह ने कहा कि 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में आंतकी गतिविधियों में हुआ सुधार (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने भी अब मान लिया है कि जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 के बाद स्थिति में सुधार और शांति बहाली हुई है। हालांकि, उन्होंने राजौरी-पुंछ में बढ़ रही आतंकी हिंसा पर चिंता भी जताई।

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    इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हमने कई विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को सरकारी नौकरी व अन्य कई पैकेजों के प्रोत्साहित कर कश्मीर में बसाया था, लेकिन अब वही कश्मीरी हिंदू कश्मीर छोड़ने की अनुमति मांग रहे हैं।

    केंद्र सरकार की मंशा पर खड़े किए सवाल

    उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने पर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल भी खड़े किए। एक समाचार चैनल के साथ बात करते हुए उमर ने कहा कि हमें कतई उम्मीद नहीं थी कि अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया जाएगा। हमें तो तब पता चला कि जब इसे हटा दिया गया और मुझे और मेरे पिता को बंदी बना लिया गया।

    पांच अगस्त, 2019 को इसे निरस्त किया गया और इससे कुछ समय पहले ही हम तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिले थे। उन्होंने हमें यकीन दिलाया था कि जम्मू-कश्मीर की विशेष संवैधानिक स्थिति को खत्म करने की कोई योजना नहीं है। 

    जबकि सरकार ने अनुच्छेद-370 को निरस्त करने से पूर्व श्री अमरनाथ की यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका जताते हुए पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर खाली करने के लिए कह दिया था। इसके बाद टेलीफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी बंद कर दी गई।

    पहले की अपेक्षा शांत है घाटी

    उमर ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि जम्मू-कश्मीर अब अपेक्षाकृत शांत है। अब सड़कों पर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होता। पत्थरबाजी बंद है। कहा जा सकता है कि यह सब अनुच्छेद-370 के निरस्त करने का परिणाम है, लेकिन यह सच नहीं है।

    जब अनुच्छेद-370 को निरस्त किया तो कहा गया था कि आतंक व अलगाववाद सब खत्म हो जाएगा। मगर आज लगभग पांच वर्ष पूरे होने को हैं और अलगाववादियों की जेबें भरी जा रही हैं। हर सप्ताह एक आतंकी हमले की सूचना आती है। राजौरी-पुंछ जैसे क्षेत्र जिन्हें हमने आतंकमुक्त बनाया था, अब फिर से आतंकग्रस्त हो गए हैं।