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    जम्मू-कश्मीर: 25 साल बाद जून में लौटी शांति, किसी के घर नहीं पसरा मातम; 2001 में हुई थी 291 लोगों की मौत

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 08:49 PM (IST)

    श्रीनगर से नवीन नवाज की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष जून का महीना पिछले 25 वर्षों में सबसे शांत रहा। आतंकी हिंसा में कोई भी नागरिक या सुरक्षाकर्मी नहीं मारा गया। सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया जिससे आतंकवादियों की गतिविधियाँ सीमित हो गई हैं। यह सुरक्षा तंत्र की मजबूती का संकेत है।

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    25 वर्ष में पहली बार जून में किसी घर में आतंकियों की गोलियों से मातम नहीं हुआ। फाइल फोटो

    नवीन नवाज, श्रीनगर। जून बीत गया है, लेकिन इस बार जून में सिर्फ तापमान की गर्मी रही, लेकिन आतंकी हिंसा के संदर्भ में पूरी तरह से ठंडा और शांत रहा। पूरे प्रदेश में कहीं कोई नागरिक किसी आतंकी की गोली का शिकार नहीं हुआ, न किसी जगह कोई बम धमाका हुआ।

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    बीते 25 वर्ष में पहली बार जून में जम्मू-कश्मीर में एक भी नागरिक या सुरक्षाकर्मी आतंकी हिंसा की किसी वारदात में मारा गया या जख्मी नहीं हुआ है। ऐसा नहीं कि आतंकवाद पूरी तरह समाप्त हो गया है, आतंकवाद अभी भी सांस ले रहा है और गत सप्ताह उधमपुर में एक आतंकी का मारा जाना इसकी पुष्टि करता है।

    मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर

    जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, बीते 25 वर्ष के दौरान किसी भी कैलेंडर वर्ष की तुलना में इस वर्ष जून पूरी तरह से शांत रहा है। इस वर्ष जून में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में दो आतंकी मारे गए हैं, जबकि एक भी नागरिक या सुरक्षाकर्मी किसी आतंकी हमले की चपेट में नहीं आया।

    उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों में यह गिरावट वादी के सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार और सुरक्षातंत्र की मजबूती की पुष्टि करती है।

    आतंकियों के लिए अपनी जान बचाना मुश्किल

    उन्होंने कहा कि अगर 22 अप्रैल को बैसरन पहलगाम में आतंकियों द्वारा अंजाम दिए गए नरसंहार को छोड़ दिया जाए तो वादी में मौजूदा वर्ष में अब तक कोई ऐसी घटना नहीं हुई है, जिसके आधार पर कहा जाए कि आतंकियों का प्रभाव जस का तस है।

    आतंकियों के लिए अब अपनी जान बचाना मुश्किल हो गया है और उनकी गतिविधियां सिर्फ उपस्थिति का अहसास कराने तक सीमित होती जा रही हैं। पुलिस के अनुसार, वर्ष 2000 में जब आतंक अपने चरम पर था तो जून में 69 नागरिक, 56 सुरक्षाकर्मी और 203 आतंकियों समेत 328 लोग मारे गए थे।

    साल     मौतों की संख्या

    |2001 | 291 |

    | 2002 | 181 |

    | 2003 | 223 |

    | 2004 | 156 |

    | 2005 | 180 |

    | 2006 | 111 |

    | 2007 | 81 |

    | 2008 | 47 |

    | 2009 | 27 |

    | 2010 | 31 |

    | 2011 | 19 |

    | 2012 | 4 |

    | 2013 | 22 |

    | 2014 | 10 |

    | 2015 | 12 |

    | 2016 | 40 |

    | 2017 | 43 |

    | 2018 | 41 |

    | 2019 | 41 |

    | 2020 | 53 |

    | 2021 | 24 |

    | 2022 | 39 |

    | 2023 | 15 |

    | 2024 | 21

    अब जून 2025 में आतंकी हिंसा में मरने वालों की संख्या अब तक के सबसे कम स्तर पर पहुंच गई है, जो सिर्फ़ दो है, दोनों आतंकी हैं। पुलिस के अनुसार, यह बीते 25 वर्षों में पहला जून है, जिसमें एक भी नागरिक या सुरक्षा बल की मृत्यु नहीं हुई है।