'आरक्षण नीति मंजूर नहीं...', NC सांसद ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा; CM आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन, दी चेतावनी
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद उमर आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी ने आरक्षण नीति को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे आज (सोमवार) दोपहर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के घर के बाहर धरना देने पहुंचे हैं। उनके साथ धरने में शामिल होने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता वहीद उर रहमान परा और इल्तिजा मुफ्ती भी अपने साथियों संग पहुंचे हैं।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। आरक्षण नीति के खिलाफ घाटी में आवजें बुलंद हो रही हैं। सोमवार को सांसद व नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता उमर आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी ने आरक्षण नीति के विरोध में मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन कर प्रशासन से इस नीति को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि मांग पूरी न होने पर प्रदेशव्यापी अभियान छेड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि उक्त सांसद ने इस आरक्षण नीति को अमाव दुश्मन विशेषकर ओपन मेरिट श्रेणि के विद्यार्थियों के लिए घातक करार देते हुए उपराज्यपाल से इसे रद्द करने तथा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। साथ ही यह भी चेयाता था कि यदि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह की अगुवाई वाली सरकार ने चुप्पी साधी तो वह विद्यार्थियों के साथ सड़कों पर उतर इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे।
'रिजर्वेशन पॉलिसी मंजूर नहीं मंजूर नहीं, इसे वापस लो वापस लो'
सांसद रुहुल्लाह ने कल यानी रविवार को विद्यार्थियों से गुपकार स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर लामबंद होने तथा उक्त मुद्दे के खिलाफ धरना प्रदर्शन में उनका साथ देने का आग्रह किया था। सोमवार तड़के कड़ाके की ठंड के बीच सांसद आगा रुहुल्लाह सैकड़ों विद्यार्थियों सहित गुपकार पहुंचे और वहां सिथत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए।
'रिजर्वेशन पॉलिसी मंजूर नहीं मंजूर नहीं, इसे वापस लो वापस लो' की जोरदार नारेबाजी के बीच सांसद रुहुल्लाह ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की यह आरक्षण नीति एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए लागू की गई है। सासंद ने कहा कि उपराज्याल द्वारा परिचित इस नीति से हजारों नहीं, बल्कि ओपन मेरिट श्रेणि के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है।
सांसद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुसूचित श्रेणि के नहीं बल्कि ओपन मेरिट श्रेणि के लोगों की संख्या अधिक है। ऐसे में इस रिजर्वेशन पॉलिसी में सब से ज्यादा कोटा इसी ओपन मेरिट के लिए रखा जाना चाहिए था। लेकिन उपराज्यपाल ने इसका बिल्कुल उलट किया। उन्होंने सब से अधिक कोटा अनुसूचित जाति जनजाति के लिए रखा जबकि ओपन मेरिट के लिए इस पॉलिसी में नाममात्र कोटा रखा गया है।
छेड़ा जाएगा प्रदेशव्यापी अभियान
सांसद ने कहा कि यह सरासर अन्याय है और हम यह अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने उपराज्यपाल से मांग की कि इस नीति पर फौरन पुनर्विचार कर इसे जनसंख्या तथा उच्च न्यायालय के नियमों के हिसाब से लागू करें ताकि जम्मू कश्मीर की आबादी की 80 प्रतिशत संख्या जोकि ओपन मेरिट से है, का भविष्य दांव पर न लगे।
सांसद ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह से भी इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ उपराज्यपाल पर इस नीति को रद्द करने के लिए दबाव बनाने का आग्रह करते हुए चेताया कि यदि इस नीति पर प्रशासन ने चुप्पी नहीं तोड़ी तो इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान छेड़ा जाएगा, जिसका नेतृत्व वह खुद करेंगे।
पीडीपी के नेता भी हुए शामिल
इधर, इस धरना प्रदशर्न में पीडीपी के वरिष्ठ नेता व विधायक वहीद परा व पार्टी की युवा नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भी हिस्सा लिया और सांसद रुहुल्लाह को इस मुद्दे पर अपना भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिलाया।
वहीं अलगाववादी नेता व मीरवाइज ए कश्मीर मौलवी उमर फारूक ने भी इस प्रदशर्न रैली में हिस्सा लेने की इच्छा जताई थी, लेकिन बकौल मीरवाइज के, रैली के लिए नगीन इलाके में सिथत अपने निवास से निकलने से पहले ही पुलिस ने उन्हें अपने निवास में नजरबंद कर दिया।
बता दें कि जम्मू कश्मीर प्रदेश में इस वर्ष विधानसभा चुनाव आयोजित कराने से पहले ही उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने आरक्षण नीति लागू की थी, जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 60 जबकि ओपन मेरिट के लिए 40 प्रतिशत कोटा उपलब्ध रखा। इस नीति के लागू होते ही प्रदेश में इसका विरोध शुरू हो गया जो अब हर दिन गुजरने के साथ ही बढ़ता ही जा रहा है।
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