Jammu Kashmir: पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता का कश्मीर पर्यटन का बहिष्कार करने का आह्वान, नेकां बोली यह शर्मनाक-खतरनाक
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पश्चिम बंगाल के विपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी की कश्मीर यात्रा से बचने की टिप्पणी की निंदा की है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल में हैं। उमर अब्दुल्ला ने ममता बनर्जी को भी घाटी आने का निमंत्रण दिया है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की उस टिप्पणी की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने लोगों से कश्मीर जाने से बचने और इसके बजाय हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड या ओडिशा जैसे स्थानों की यात्रा करने को कहा।
भाजपा नेता का यह बयान ऐसे में समय में आना जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल में ही हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने इस पर कड़ा एतराज जताया है।
उमर अब्दुल्ला ने इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी घाटी का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। भाजपा नेता शुभेंदु की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने इस बयान को बेहद शर्मनाक और खतरनाक बताया।
यह भी पढ़ें- जम्मू के यूट्यूबर आमिर को पुलिस ने सिखाया सबक, 3 वर्षों से लंबित थे 35 चालान, अब हुआ बड़ा एक्शन
सादिक ने कहा, "ऐसे समय में जब पूरा देश जम्मू-कश्मीर के साथ खड़ा है, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता इस तरह की नफरत भरी, विभाजनकारी और सांप्रदायिक बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कश्मीरी हमेशा देश के साथ खड़े रहे हैं, किसी मजबूरी या निजी फायदे के लिए नहीं, बल्कि इसलिए कि "ऐसा करना सही था।" सादिक ने कहा, "जब हम सही हों, तो देश को हमारे साथ खड़ा होना चाहिए।
शुभेंदु अधिकारी का बयान न केवल कश्मीर के लोगों का अपमान है, बल्कि भारत की उस अवधारणा का भी अपमान करता है, जहाँ विविधता में एकता ही हमारी ताकत है। "घृणित सोच" की सामूहिक निंदा का आह्वान करते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि यह केवल कश्मीर के बारे में नहीं है, बल्कि भारत की आत्मा के संरक्षण के बारे में है।
यह भी पढ़ें- कश्मीर में खेला जाएगा रणजी ट्रॉफी का मैच, घाटी के क्रिकेट प्रेमी देख पाएंगे अजिंक्य, सूर्यकुमार व सरफराज का कमाल
उन्होंने सभी राजनीतिक नेताओं से विभाजनकारी सोच से ऊपर उठने और कश्मीर में पर्यटन और शांति बहाल करने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब जम्मू-कश्मीर सरकार, खासकर हालिया हिंसा के मद्देनजर, घाटी को एक सुरक्षित और स्वागत योग्य गंतव्य के रूप में प्रचारित करने में सक्रिय है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।