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    'सिर्फ अल्लाह और जनता के प्रति जवाबदेह...' हुर्रियत चेयरमैन पदनाम हटाने पर बोले मीरवाइज फारूकी

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने अपने प्रोफाइल से हुर्रियत चेयरमैन पद हटाने पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने उसूलों से कोई समझौता नहीं क ...और पढ़ें

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    मीरवाइज फारूकी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने हुर्रियत कान्फ्रेंस के चेयरमैन का शब्द अपने प्रोफाइल से हटाए जाने पर हाे रही आलोचना के जवाब में मीरवाइज कार्यालय ने देर शाम गए एक बयान जारी कर कहा कि हमने अपने एजेंडे और उसूलों से कोई समझौता नहीं किया है।

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    हम अल्लाह और जम्मू कश्मीर की जनता के प्रति जवाबदेह हैं। जो मौकापरस्त लोग मीरवाइज के फैसले को विश्वासघात बता रहे हैं, वह यह भूल गए हैं कि मीरवाइज मंजिल सदियों से कश्मीर में नैतिकता, निष्ठा और इमानदारी का प्रतीक है।

    मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने स्वयं एक बयान जारी कर हुर्रियत चेयरमैन शब्द हटाने पर स्थिति स्पष्ट की है। उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश करना, उसे गलत दिशा देना न सिर्फ उनकी छवि को नुक्सान पहुंचाने और कश्मीरियों को गुमराह करने का एक कुत्सित प्रयास है। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक कश्मीरियो के हक के लिए लड़ने वाली, सभी समुदायों में बातचीत और सौहार्द की समर्थक, एक बड़ी शख्सियत और आवाज हैं। वह सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों और अल्लाह के आगे जवाबदेह हैं।

    आम कश्मीरियों का सदियों से तमाम मुश्किलों के बीच मीरवाइज की संस्था पर हमेशा भरोसा रहा है और मीरवाइज की संस्था ने हमेशा उनके भरोस को कायम रखा है। यह अफसोस की बात है कि मीरवाइज को निजी तौर पर बदनाम करने और निशाना बनाने की बेचैनी तत्वों को जम्मू कश्मीर की जनता की तकलीफाें से कोई सरोकार नहीं है।

    मीरवाइज कार्यालय ने संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हां कोई शक और गलतफहमी नहीं है, वहां शक और गलतफहमी पैदा करके सार्वजनिक वातावरण को और खराब करने से बचें। जो सत्ता की चाह में अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आलोचना कर रहे हैं वह अपनी ऊर्जा जम्मू कश्मीर की जनता की सेवा करने में लगाएं। यह ध्यान रखें कि कश्मीर के बदलते राजनीतिक परिवेश में इंटरनेट मीडिया एक सशक्त माध्यम है अपनी बात को रखने का।

    हुर्रियत कान्फ्रेंस जो 2019 जब अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नेताओं -कार्यकर्ताओं गिरफ्तारियों और उनकी बदलती वफ़ादारी के बीच बिखर गई तो भी मीरवाइज़ उमर फारूक ने कश्मीर मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए एक आवाज हमेशा बुलंद रखी।

    मीरवाइज़ मंज़िल की यह आवाज़ ढाल और मरहम दोनों का काम करती है– एक नेता की ईमानदारी की रक्षा करते हुए ऐसी राजनीति कीअपील करती है जो ठीक करे, नुकसान न पहुंचाए। एक ऐसी ज़मीन पर जहां शब्द हथियार हैं और फुसफुसाहट तूफ़ान ला सकती है, यह पैगाम गूंजता है: कश्मीर की सच्ची सेवा के लिए सच्चाई चाहिए, तोड़-मरोड़ नहीं।

    महबूबा मुफ्ती ने बताया मीरवाइज का निजी फैसला 

    पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने मीरवाइज मौलवी उमर फारूक द्वारा अपने एक्स हैंडल से हुर्रियत चेयरमैन के टैग को हटाने और पीडीपी नेता वहीद उर रहमान परा द्वारा मीरवाइज के फैसले को इस्लाम के इतिहास से जोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हए कहा कश्मीर के नेताओं से मेरी विनम्र अपील है कि वे धार्मिक बातों को ज़्यादा न बढ़ाएं।

    यह इस्लामी इतिहास की घटनाओं का ज़िक्र करने और आज के ज़माने की छोटी-मोटी राजनीति से तुलना करने के लिए है। प्रोटोकॉल और सीआरपीएफ सुरक्षा के बदले सरेंडर की तुलना कभी भी मक्का में हुदैबिया की शांति संधि से नहीं की जानी चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह मीरवाइज का अपना निजी फैसला है। लेकिन हुर्रियत एक विचार है,कोई व्यक्ति नहीं,जिसे आप कैद कर सकेंगे।