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    लश्कर-ए-तैयबा बना रहा था नया आतंकी संगठन, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया भंडाफोड़

    जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा टीआरएफ की तर्ज पर तैयार किए जा रहे तहरीक-ए-लब्बैक या मुस्लिम नामक आतंकी संगठन का भंडाफोड़ किया है। श्रीनगर गांदरबल बांडीपोर कुलगाम बडगाम अनंतनाग और पुलवामा में छापेमारी कर कई आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार किया गया है। बीते रविवार गांदरबल में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसिया और पुलिस अलर्ट है।

    By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 22 Oct 2024 08:53 AM (IST)
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    तहरीक-ए- लब्बैक या मुस्लिम नाम का आतंकी संगठन बनाने का षड्यंत्र विफल

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर विंग ने स्थानीय आतंकियों की भर्ती का पता लगाते हुए आज घाटी के विभिन्न जिलों में छापेमारी की है। छापेमारी से कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा टीआरएफ की तर्ज पर तैयार किया जा रहा तहरीक-ए- लब्बैक या मुस्लिम नामक आतंकी संगठन बनाने का षड्यंत्र विफल हो गया।

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    यह छापेमारी श्रीनगर, गांदरबल, बांडीपोर, कुलगाम, बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा में हुई है। इसका हैंडलर बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकी बताया जा रहा है। छापेमारी के दौरान टीएलएम से जुड़े कुछ नए आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्करों को भी पकड़ा गया है।

    हमले में 7 लोगों ने गवाईं जान

    गांदरबल में हुए बर्बर हमले के बाद जहां एक डॉक्टर और छह अन्य गैर-स्थानीय कर्मचारियों को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, सोशल मीडिया रिपोर्टों में मंगलवार को दावा किया गया कि स्थानीय प्रशासन गैर-स्थानीय लोगों पर दबाव डाल रहा था, जिसके वजह से स्थानीय मजदूरों को घाटी छोड़ना पड़ा।

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    हालांकि, कश्मीर जोन पुलिस ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है और कहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस राज्य में व्यक्तियों के लिए सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा गैर-स्थानीय श्रमिकों को घाटी छोड़ने के लिए कहने का दावा करने वाली सोशल मीडिया रिपोर्टें झूठी हैं। जम्मू और कश्मीर पुलिस सभी व्यक्तियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। पुलिस ने राज्य के लोगों से बिना किसी डर या भय के अपनी आजीविका चलाने की अपील की और लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी गलत जानकारी पर ध्यान न देने की सलाह दी।

    हमले में मारे गए डॉक्टर के घर पहुंचे सीएम 

    इससे पहले, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, डॉ. शाहनवाज डार के घर गए, जिनकी 20 अक्टूबर को गांदरबल में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी और अपनी संवेदना व्यक्त की।

    इस बीच, डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने हमले के एक अन्य पीड़ित शशि भूषण अबरोल के परिवार से मुलाकात की और उन्हें उनकी चिंताओं को दूर करने और आतंकवाद की निंदा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

    चौधरी ने अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि मैं उस व्यक्ति के पिता से मिला, और मैंने अपनी संवेदना व्यक्त की। सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमें यहां भेजा, इसलिए आप समझ सकते हैं कि वह इस हमले से कितने आहत हैं।

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