'स्थानीय लोगों को गुमराह कर रहे थे सोनम वांगचुक', जम्मू-कश्मीर के जानकार बोले- जरूरी थी गिरफ्तारी, नहीं तो...
जम्मू-कश्मीर मामलों के जानकार एडवोकेट अजात जम्वाल के अनुसार सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी आवश्यक थी। वांगचुक लद्दाख में सामाजिक सांस्कृतिक पर्यावरणीय और क्षेत्रीय मुद्दों के नाम पर स्थानीय लोगों में अलगाव की भावना उत्पन्न कर रहे थे। वह विदेशी चंदा प्राप्त कर रहे थे जिसके कारण सरकार ने उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया। उनकी हालिया बयानबाजी भड़काऊ थी।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर मामलों के जानकार एडवोकट अजात जम्वाल ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी जरूरी थी। उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, क्योंकि वह लद्दाख में सामाजिक-सांस्कृतिक-पर्यावरण और क्षेत्रीय मुद्दों की आड़ में स्थानीय लोगों में विमुखता की भावना पैदा कर रहे थे।
वह विदेश से चंदा प्राप्त कर रहे हैं और इस चंदे को लेकर भी कई बातें सुनने को मिलती हैं। इसमें नियमों की अनदेखी के आधार पर ही सरकार ने उनकी एनजीओ को एफसीआरए लाइसेंस रद किया है। वह बीते कुछ दिनों से जिस तरह की बयानबाजी कर रहे थे, वह अत्यंत भड़काऊ है।
उनका यह कहना कि मुझे गिरफ्तार करना, सरकार के लिए खतरनाक साबित होगा, उनकी असली मानसिकता को प्रकट करता है। वह लद्दाख में विरोध का चेहरा बन रहे थे। अगर उन्हें छोड़ दिया जाता तो ज्यादा प्रदर्शन, भाषण और नई अशांति हो सकती थी। इसलिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी थी।
बता दें कि हिंसा भड़कने के दो दिन बाद पुलिस ने शुक्रवार दोपहर सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया।
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