लद्दाख हिंसा: कर्फ्यू में फंसे कई विदेशी पर्यटक, बोलीं- पता नहीं होटल में कब तक रहना होगा, इन जगहों पर जाने का प्लान था
लेह में कर्फ्यू लगने के बाद पर्यटक परेशान हैं। उन्हें घूमने की अनुमति नहीं मिल रही और सही जानकारी भी नहीं मिल रही है। एक विदेशी पर्यटक ने इसे बुरा सपना बताया। प्रशासन ने सिविल जज की परीक्षा देने वालों के लिए एडमिट कार्ड को कर्फ्यू पास माना है। पर्यटकों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

जागरण संवाददाता, लद्दाख। देश विदेश से लद्दाख घूमने आए पर्यटक भी लेह की मौजूदा स्थिति किे बीच खुद को असमंज में पा रहे हैं। कईयों को लेह और उसके आस पास के इलाकों में घूमने का तय कार्यक्रम होटल के कमरे में ही सीमित होकर रह गया है।
प्रशासन द्वारा कोई स्पष्ट जानकारी न दिए जाने के अभाव में पर्यटक भी अपने होटल से बाहर जाने मं हिचक रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लेह में बुधवार को हुई हिंसा व आगजनी मे चार लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने कफ्र्यू लगाया था, जिसमें आज दोपहर बाद चरणबद्ध तरीके से राहत दी गई है।
गुरुवार को लेह पहुंची आस्ट्रेलियाई पर्यटक अमांडा वी वरवोक्स ने कहा कि वह अपने होटल में ही फंसी हुई है और सरकार की ओर से कोई जानकारी न मिलने से वह परेशान है। वरवोक्स मैंडी ने कहा कि यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है। हमने अपनी लद्दाख यात्रा के दौरान कई जगहों पर जाने का प्लान बनाया था, लेकिन प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है। हमने पैंगोंग झील जाने के लिए पैसे भी दे दिए हैं और परमिट भी मिल गया है, लेकिन वे कह रहे हैं कि स्लिप पर साइन नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में एक निजि बैंक में काम करने वाले अनुज हांडू के साथ आई वरवोक्स ने कहा कि प्रशासन को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यहां पर्यटकों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि वह यहां रुके या वापस चले जाएं।
वरवोक्स ने कहा कि समस्या सिर्फ शहर में है, जहां हमें रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दूसरी जगहों पर कोई समस्या नहीं है, लेकिन वे हमें कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी भारत में कई शहरों में घूम चुकी हूं और लद्दाख आना मेरा सपना था। सपना पूरा हो गया है,लेकिन मैने कभी नहीं चाहा था कि यह इस तरह से पूरा हो।
उन्होंने कहा कि होटल स्टाफ भी अपने मेहमानों को लेकर चिंतित है, क्योंकि कर्फयू के कारण आवश्यक सामान की कमी हो गई है। अनुज हांडू ने कहा कि हम पिछले दो दिनों से पैंगोंग झील जाने के लिए परमिट स्लिप पर अधिकारी के हस्ताक्षर कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कर्फ्यू के कारण सफल नहीं हो सके।
हम दो अक्टूबर को वापस जा रहे हैं और चाहते हैं कि सरकार पर्यटकों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करे। यहां कुछ विदेशी पर्यटकों को यात्रा की अनुमति मिल गई है और वे झील के लिए निकल चुके हैं। लेकिन अधिकांश पर्यटक अपने होटल के कमरों में ही हैं।"
इस बीच, लद्दाख प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के चयन परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से अपने एडमिट कार्ड दिखाने को कहा है। यह एडमिट कार्ड उनकी आवाजाही के दौरान कर्फ्यू पास के तौर पर मान्य होगा।
एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया, "मौजूदा प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए, लेह और कारगिल के उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि वे 28 सितंबर को परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने एडमिट कार्ड दिखाकर श्रीनगर या जम्मू (जम्मू-कश्मीर) जा सकेंगे। यह एडमिट कार्ड उनकी आवाजाही के दौरान कर्फ्यू पास के तौर पर मान्य होगा।"
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