Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ksheer Bhawani: जम्मू-कश्मीर का वो खास मंदिर, जहां से हजारों मुस्लिमों की चलती है रोजी-रोटी, पहले हिंदुओं का...; पढ़िए इससे जुड़ी रोचक बातें

    Updated: Sat, 15 Jun 2024 12:24 PM (IST)

    Ksheer Bhawani Mandir क्षीर भवानी मंदिर में माता राघेन्या देवी के दर्शन करने हजारों लोग पहुंचे। उन्होंने माता रानी की पूजा-अर्चना की। इस मंदिर से हजार ...और पढ़ें

    Hero Image
    Ksheer Bhawani Mandir: 700 में से 665 दुकानें मुस्लिमों की।

    नवीन नवाज, तुलमुला (गादंरबल)। गांदरबल जिले के तुलमुला में मां राघेन्या देवी को समर्पित क्षीर भवानी मेला शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। मेले में देश के विभिन्न भागों से हजारों कश्मीरी हिंदू पहुंचे हैं। कश्मीरी हिंदुओं ने माता की पूजा कर जलकुंड में दूध अर्पित किया। कश्मीरी हिंदू के साथ-साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन, पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, भाजपा के प्रदेश प्रमुख रविंद्र रैना और इल्तिजा मुफ्ती भी पहुंचे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    माता क्षीर भवानी के मंदिर के साथ हजारों मुस्लिमों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। दूध, खीर, फल-फूल हो या अगरबत्ती, माता को चढ़ाई जाने वाली यह पूजा सामग्री श्रद्धालु स्थानीय मुस्लिम समुदाय से ही खरीदते हैं। यही नहीं, मंदिर परिसर में जलाये जाने वाले मिट्टी के हजारों दीपक भी स्थानीय मुस्लिम ही तैयार करते हैं।

    हिंदुओं का पलायन

    मंदिर के आसपास पूजा की सामग्री की लगभग 700 छोटी-बड़ी दुकानें हैं, जिनमें 95 प्रतिशत स्थानीय मुस्लिम की हैं। स्थानीय दुकानारों के अनुसार, 1990 से पहले मंदिर के आसपास 250-300 दुकानें थी, जिनमें अधिकांश स्थानीय हिंदुओं की थीं। आतंकवाद के चलते स्थानीय हिंदुओं के पलायन के बाद यह दुकानें भी कई वर्षों तक सूनी पड़ी रहीं। अब धीरे-धीरे सुधार के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना फिर शुरू हुआ।

    37 साल से दीया बेच रहे हजाम

    मंदिर के बाहर दीये बेच रहे अली मोहम्मद हजाम ने कहा कि मैं बीते 37 बरस से यहां दुकान चलाता हूं। मंदिर की वजह से ही हमारा तुलमुला क्षेत्र व्यापार का केंद्र बना था। मेरी दुकान भी कई वर्ष तक बंद रही। मैंने भी दीयों की जगह नमक, चीनी तेल आदि बेचना शुरू कर दिया। शुक्र है, अब यहां हालात ठीक हैं और पिछले कई वर्षों से यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। यह देखकर मैं फिर से दीये बेचने लगा हूं। आम दिनों में भी यहां आने वाले श्रद्धालु रोज 150-200 दीये खरीद लेते हैं।

    यह भी पढ़ें- Jammu Terror Attack: आतंकी हमलों के बाद नौशहरा व डोडा में दिखे संदिग्ध, घर से मांगा खाना, बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू

    फूल बेचकर चलाता हूं घर

    पूजा सामग्री की दुकान करने वाले बशीर अहमद सलरू ने कहा कि हमारे लिए यह मेला रोजगार का साधन है। सलरू ने कहा कि मैं पिछले नौ बरस से यहां फूल बेचकर अपना घर चलाता हूं और मेले के दौरान मेरी कमाई दोगुनी हो जाती है।

    मंदिर से भी मेरी आस्था जुड़ी

    मिट्टी के दियों की दुकान करने वाले शाकिर रिजवान ने कहा कि मेले के दो दिन के भीतर मैंने लगभग सात हजार दिये बेचे हैं। हमारे हिंदू भाइयों के लिए यह माता राघेन्या देवी हैं, लेकिन मेरे लिए यह मां लक्ष्मी हैं, क्योंकि यहीं से मुझे रोजगार मिलता है। शाकिर ने कहा कि मैं खुदा को मानने वाला बंदा हूं, लेकिन इस मंदिर के साथ भी मेरी आस्था जुड़ी हुई है।

    यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir News: क्षीर भवानी मेले में पहुंचे 40 हजार कश्मीरी हिंदू, घर वापसी की उम्मीदों के जलाये दीये, छलका दर्द; बोले- पूर्वजों की मिट्टी में बनाएंगे घर