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    कश्मीरियों को चुन-चुनकर मारा, फिर जमीन हड़पी... बरसों से फाइलों में दफन आतंकी मामले फिर खुलेंगे, LG ने दिए निर्देश

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 10:30 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सभी जिला एसएसपी और उपायुक्तों को आतंकी मामलों को फिर से खोलने और जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने आम कश्मीरियों की हत्या में शामिल सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने आतंक पीड़ितों के लिए एलजी सचिवालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने और टोल-फ्री नंबर जारी करने का भी एलान किया है।

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    बरसों से फाइलों में दफन आतंकी मामले फिर खुलेंगे, LG ने दिए निर्देश

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पुलिस की फाइलों में बरसों से दफन आतंकी घटनाओं के मामले अब अनसुलझे नहीं रहेंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को प्रदेश के प्रत्येक जिला एसएसपी और जिला उपायुक्त को अपने-अपने कार्याधिकार क्षेत्र में ऐसे सभी आतंकी मामलों को फिर से खोलकर उनकी जांच करने का आदेश दिया है, जिन्हें किन्हीं कारणों से दबा दिया गया था।

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    उपराज्यपाल ने आम कश्मीरियों की हत्या में प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से शामिल होने के बावजूद कानून से बचकर सरकारी नौकरी कर रहे तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ भी संबंधित कानून के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है।

    उपराज्यपाल की ओर से जारी निर्देशों का विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रत्येक आतंकवाद पीड़ित को न्याय मिलेगा। कानून से बचे हुए कश्मीरियत के गुनाहगारों को सजा मिलेगी और जम्मू-कश्मीर में शांति-सुरक्षा का वातावरण बहाल करने व आतंकियों -अलगवादियों के तंत्र का समूल नाश सुनिश्चित होगा।

    29 जून को कश्मीर में की थी बैठक

    संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने 29 जून को कश्मीर में आतंक पीड़ितों के साथ एक बैठक की थी। उस बैठक में पीड़ितों के साथ बातचीत के आधार पर उन्होंने मंगलवार को एक उच्च प्रशासनिक बैठक बुलाई। इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रमुख सचिव व नागरिक और पुलिस प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

    जिला एसएसपी और जिला उपायुक्त व जम्मू रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वर्चुल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। उपराज्यपाल ने बैठक में कहा कि यहां आतंकी हिंसा के कई पीड़ित आज भी न्याय के लिए ठोकरें खा रहे हैं, कई मामले फाइलों में दब गए हैं।

    कई तत्व जो यहां आतंकी हिंसा में शामिल रहे हैं, जिन्होंने प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से यहां निर्दोष लोगों का खून बहाने में साथ दिया है, कानून के शिकंजे से बचे हुए हैं।

    इनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसे सभी आतंकी मामलों की फाइल फिर से खोलें, जिनकी एफआइआर दर्ज होने के बावजूद जांच बंद कर दी गई। उनकी जांच को अंतिम निर्णय तक पहुंचाया जाए और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित किया जाए।

    उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है कि आतंकी हिंसा के कई पीड़ित आज भी नौकरी के लिए भटक रहे हैं। ऐसे पीड़ितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए।

    टोल-फ्री नंबर होगा जारी

    उपराज्यपाल ने आतंकी हिंसा के पीड़ितों के मुद्दों के समाधान के लिए एलजी सचिवालय और मुख्य सचिव कार्यालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने का एलान किया। उन्होंने आतंकी हिंसा के पड़ितों के लिए एक टोल-फ्री नंबर अधिसूचित करने का भी निर्देश दिया।

    पीडितों की हड़पी जमीन मुक्त कराने के भी निर्देश उपराजयपाल मनोज सिन्हा ने सभी जिला उपायुक्तों और जिला एसएसपी को आतंक पीड़ित परिवारों की संपत्ति और आतंकियों या उनके समर्थकों द्वारा हड़पी गई जमीन को मुक्त कराने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।

    इसके साथ उन्होंने आम कश्मीरियों की हत्या में शामिल होने के बावजूद वर्तमान में सरकारी विभागों में काम कर रहे तत्वों को भी चिन्हित करने के लिए एक प्रभावकारी अभियान चलाने का निर्देश दिया।

    उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि आतंकवाद पीड़ित परिवार के सदस्यों को मुद्रा योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए, जो अपना स्वरोजगार उद्यम शुरू करना चाहते हैं।