गुलमर्ग-पहलगाम नहीं... भीड़-भड़ाके से दूर कश्मीर की ये हैं सीक्रेट साइटें; बर्फबारी देखने के लिए इनसे बेस्ट कुछ नहीं
Jammu Kashmir Tourist Places कश्मीर की खूबसूरती सर्दियों में और भी निखर उठती है। बर्फ से ढके पहाड़ जमी हुई झीलें और हरे-भरे जंगल पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। अगर आप भी सर्दियों में कश्मीर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो दूधपथरी बंगस वैली ड्रंग वैली और यूसमर्ग जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें।
रजिया नूर, श्रीनगर। घाटी को यूं ही धरती का स्वर्ग नहीं कहा जाता। हसीन नजारों से लैस इस घाटी का हर मौसम ही निराला है। तभी तो बहार हो या पतझड़, सर्दी हो या फिर गर्मी, हर मौसम में यहां की दिलकशी लाजवाब होती है। तभी तो देश व दुनिया के हर कौन से पर्यटक यहां के दिलफरेब मौसमों का लुत्फ उठाने के लिए साल भर यहां का रुख करते हैं।
गर्मियों के मौसम में जहां पर्यटक यहां की हरी-भरी वादियों की सैर के लिए खिंचे चले आते हैं। वहीं, सर्दियों में बर्फ की सफेद चादर ओड़े यहां के पर्वत और इन पर्वतों की गोद व तलहट्टियों में नगीने की तरह जुड़ी वादियों का मंत्रमुग्ध कर देने वाले खूबसूरत नजारों को निहारने के लिए हजारों नहीं बल्कि लाखों पर्यटक यहां पहुंच जाते हैं।
हालांकि, चंद वर्ष पहले तक गर्मियों के मौसम में तो पर्यटक यहां के सभी छोटे बड़े, दूर व निकटवर्ती पर्यटन स्थलों की सैर का लुत्फ उठते थे लेकिन सर्दियों के मौसम में उनकी रसाई चंद एक पर्यटनस्थलों तक ही सीमित रहती थी।
क्योंकि मौसम की बेरुखी के चलते अधिकांश पर्यटन स्थल विशेषकर दुर्लभ इलाकों में स्थित पर्यटनस्थल पर्यटकों की पहुंच से बाहर ही रहते थे और सर्दियों में पर्यटकों के पास या तो गुलमर्ग या फिर पहलगाम का ही विकल्प रहता था।
लेकिन प्रशासन के प्रयासों विशेषकर बीते चंद वर्षों के दौरान प्रशासन द्वारा पहलगाम व गुलमर्ग के साथ साथ घाटी के अन्य पर्यटनस्थलों को विकसित करने तथा नए पर्यटन स्थलों को खोन उन्हें पर्यटन के मानचित्र पर लाने के प्रयासों के फलस्वरूप आज पर्यटकों के पास सर्दियों के दौरान घाटी की सैर कर पहलगाम व गुलमर्ग के साथ-साथ अन्य पर्यटनस्थलों की खूबसूरती को निहारने का भी विकल्प है।
अधिकांश पर्यटनस्थलों के दरवाजे सर्दियों के मौसम में भी पर्यटकों के स्वागत के लिए खुले रहते हैं और पर्यटक बर्फ की सफेद चादर ओढ़े इन पर्यटनस्थलों के दिलकश नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं।
इन पर्यटनस्थलों में से तो कुछ सर्दियों के इस मौसम में भी गुलमर्ग व पहलागम की तरह पर्यटकों से गुलजार बने रहते हैं जबकि कुछ पर्यटनस्थल जल्द ही पर्यटकों को विंटर फेरीलैंड का फील कराएंगे।
कौन से पर्यटन स्थल हैं बेस्ट विंटर डेस्टिनेशन?
आप जब भी सर्दियों में घाटी घूमने का प्लान बनाए तो पहलगाम व गुलमर्ग के साथ साथ दूधपथरी, द्रंग,यूसमर्ग व बंगस वैली को भी जरूर शामिल कीजिए। क्योंकि खुद में घाटी का समूची खूबसूरती समोया यह पर्यटनस्थल आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे।
दूध पथरी: घाटी का यह प्रसिद्ध पर्यटनस्थल श्रीनगर से 40 किलोमीटर दूर बड़गाम जिले के खानसाहिब तहसील में पीरपंचाल पर्वत की गोद में मौजूद है। समुद्रतल से तकरीबन 8.960 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह स्थल पीरपंचाल के खूबूरत पर्वतों से चारों तरफ घिरा हुआ है।
इस पर्यटनस्थल में वह सब कुछ है जो एक प्रकृत्ति प्रेमी को लुभाता है। गमिर्यों में जहां तक नजर पड़े वहां तक इसकी हरी भरी वादियां तथा इन वादियों के बीच शालीगंगा दरिया का दूधिया रंग का पानी तेज रफ्तारी से इन वादियों के बीचों-बीच से तेज रफ्तारी से झेलम में अपने संगम के लिए रवां दवां रहता है।
सर्दियों में यहां की हरीभरी वादियां बर्फ की सफेद चादर से पूरी तरह ढक जाती है। खूबसूरती इतनी कि इंसान अपना दिल पकड़ के बैठ जाता है। हालांकि बीत कुछ वर्षों तक पर्यटनस्थल सर्दियों के मौसम में बंद रहता था। क्योंकि वहां पर्यटकों के लिए कोई सुविधा नहीं हुआ करती थी।
लेकिन अब पर्यटकों के रहने ठहरने तथा खानपान के लिए वहां सुविधाएं उपलब्ध रखी गई है। गत वर्ष वहां संचार सेवाएं भी शुरू की गई जिसके चलते अब पर्यटक सर्दियों का मौसम एंजाए करने के लिए इस स्थल का रुख करते हैं। दूधपथरी विकास प्राधिकरण के सीईओ रियाज अहमद ने कहा, दूधपथरी अब एक फुल फलेज्ड विंटर टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन गया है।
यहां पर्यटकों के साथ साथ खिलाड़ियों के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध रखी गई है। सीईओ ने कहा,गर्मिों में यहां कैंपिंग की जा सकती है जबिक सर्दियों के दौरान यहां स्कईइंग, स्केटिंग, स्ने स्लेजिंग तथा अन्य शीतकालीन खेलें खेली जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटनस्थल पर स्नो ड्रेगर भी उपलब्ध रखा गया है जबकि डिसखल (पर्यटनस्थल की एक ऊंची पहाड़ी का नाम है) से लेकर पर्यटनस्थल के प्रवेश द्वार तक 1.4 किलोमीटर म्बा एक केबल कार का निर्माण भी होना है जिस पर अगले वर्ष तक काम शुरू किया जाएगा।
सीईओ ने कहा, पर्यटकों के ठहरने के लिए पर्यटनस्थल पर होटल व हट हैं जबकि इसके निकर्वर्ती गांव जिनमें रहयार, चेकशेरा, नराइथन, मुजपथरी आदि शामिल हैं, में होम स्टे की भी सुविधाएं उपलब्ध रखी गई हैं।
दूधपथरी पहुंचने के लिए आप आसानी से श्रीनगर से कोई गाड़ी बुक कर सकते हैं और यिद आपके पास अपनी गाड़ी है तो आपका काम और ज्यादा आसान हो जाएगा। श्रीनगर से सीधे पहले बड़गाम,फिर खानसाबिह और उसके बाद वहां से दूधपथरी तक आपका ड्राइव केवल एक घंटे का है।
वादी-ए-बंगस: आप प्रक्रति प्रेमी है, खामोशी से प्रक्रित को निहारना चाहते हैं। ते बंगस की वादियां आपके लिए बिलकुल पर्फेक्ट हैं। खूबसूरत प्राकृितक नजारों से मालामाल , वादी ए बंगस उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा तहसील में पीरपंचाल पर्वत श्रंखला में समुद्रतल से 10,000 फीट ऊपर स्थित है। हरी भरी वादियों वाला यह पर्यटनस्थल जो चारों तरफ से द्योदार व पाइन के जंगलों से घिरे हुए हैं, दो हिस्सों में बटा हुआ है।
बोड़ बंगस(बड़ा बंगस) व लोकुट बंगस(छोटा बंगस)।
पर्यटवस्थल के बीचों बीच व इर्द-गिर्द बहने वाली छोटी बड़ी 14 नदियां व नाले इसकी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देती है। दिखने में तो यह पर्यटनस्थल बिलकुल गुलमर्ग जैसा है लेकिन गुलमर्ग की तरह वहां शोरशराबा नहीं रहता बलकि दूर दूर तक फैले सन्नाटे इसे गुलमर्ग व दूसरे पर्यटनस्थलों से बिलकुल भिन्न बनाते हैं।
श्रीनगर से 100 किलोमीटर दूर यह पर्यटनस्थल बीते चंद वर्षों तक गुनामी की चादर औढ़े रहता था और वहां पर्यटक नहीं बलकि चरवाहें अपने मवेशियों को चरवाने ले जाया करते थे। लेकिन प्रशासन की कोशिशें से अब यह पर्यटनस्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। गर्मियों में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक वहां आकर वहां के नजारों का लुत्फ उठा रहे हैं।
बंगस विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी फिरदौस अहमद ने कहा,बंगस अब विकसित हो रहा है। यह एक बेस्ट समर टूरिस्ट डेस्टिनेशन तो बन ही गया है अब इसे बेस्टर विंटर टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बनाया जा रहा है। वहां पहुंचने के लिए कोई सड़क या पक्का रास्ता नहीं था। लोग अमूमन राजवार या मावर गांव के कच्चे व पहाड़ी रास्तों से ही वहां पहुंच पाते थे।
हमने सब से पहले वहां तक पहुंचने के लिए पक्की सड़कें बनाई दोनों इलाकों यानी राजवार व मावर से लोग अब पक्की सड़कों से पर्यटनस्थल तक पहुंच सकते हैं। अधिकारी ने कहा बंगस में रोमांच पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं। वहां नेच्रल स्लोप्स हैं,जहां खिलाड़ी स्कीइंग,हाइकिंग आदि जैसी शीतकालीन खेलों का आयोजन किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा,पर्यटनस्थल पर पर्यटकों के रहने ठहरने के लिए हट, होटल आदि बन रहे हैं जबकि स्थल के निकटवर्ती इलाकों जिनमें मावर,राजवार, रेशीपथरी, पोतपथरी आदि में होम स्टे की सुविधा भी उपलब्ध रखवाई जा रही है।
अधिकारी ने कहा,अभी फिलहल सर्दियों के मौसम में तो बहुत ही कम पर्यटक इस पर्यटनस्तल का रुख करते हैं क्योंकि अभी वहां उतनी ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। लेकिन हमने इसे अच्छी तरह से विकसित करने के लिए प्रशासन को एक प्रस्ताव भेज दिया है जिसे प्रशासन ने मंजूर भी किया है और बहुत ही जलद यह पर्यटनस्थल भी बेस्ट विंटर टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सूची में शामिल हो जाएगा।
वादी-ए बंगस पहुंचने के लिए आपको पहले श्रीनगर से हंदवाड़ा पहुंचना होगा और फिर हंदवाड़ा के राजवार या फिर मावर गांव से बंगस की हसीन वादियों में आप प्रवेश करेंगे। रास्ते जरा लम्बे हैं लेकिन रास्ते में आपकी नजरों से गुजरने वाले कुदरत के हसीन नजारे आपको बिलकुल बोर नहीं करेंगे।
द्रंग वैली-श्रीनगर गुलमर्ग रोड पर गुलमर्ग की वादियों की बगल में स्थित द्रंग वैली की खूबसूरती देख आप दंग रह जाएंगे। द्रंग गुलमर्ग जिसतना विशाल तो नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी यह गर्मियों के महीनों में पर्यटकों से खचाखच भरा रहता है।
वाटरफॉल इस पर्यटन स्थल का मुख्य आकर्षण है जहां पर्यटक लाजमन अपनी तस्वीर खिंचवाते हैं। सर्दियों के महीने में यहां के वाटरफाल के इर्द गिर्द तलवार व खंजरों की तरह दिखने वाली जम चुकी बर्फ की मोटी मोटी परतें पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है और पर्यटक भीषण ठंड की परवाह किए इन वाटरफाल को सेलफी प्वाइट बना द्रंग का अपना ट्रिप यादगार बनाते हैं।
पर्यटनस्थल पर पर्यटकों के लिए एक टूरिस्ट विलेज भी बनाया गया है जिसके तहत 100 हटें पर्यटकों के लिए उपलब्ध रखी गई है जबकि इसके अलावा साथ सटे इलाकों जिनमें टंगमर्ग, माहिन, फिरोजपोरा, त्रेरण तथा द्रूरू में होम स्टे की भी सुविधा उपलब्ध रखी गई है।
गुलमर्ग विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी मेराज भट ने कहा, द्रंग को और अधिक विकिसत कराने के प्रयास जारी है।
गुलमर्ग के निकट होने के चलते हायकरों व ट्रैकरों का यह एक मुख्य पड़ाव तो है ही साथ ही सर्दियों के दौरान यहां आने वाले पर्यटकों के रोमांच के लिए हमने यहां स्नोबाइकें भी उपलब्ध रखी हैं। अधिकारी ने कहा,इन सुविधाओं के चलते गर्मियों के साथ साथ अब बड़ी संख्या में पर्यटक सर्दियों में भी यहां का रुख करते हैं।
द्रंग श्रीनगर-गुलमर्ग रोड़ पर स्थित है। लिहाजा वहां पहुंचने के लिए आपको यही रूट अपनाना होगा। श्रीनगर से 35 किलोमीटर दूर टंगमर्ग से द्रंग केवल 3 किलोमीटर दूर है और वहां पहुंचे के लिए आपको टंगमर्ग से एक लिंक रोड़ की सहायता लेनी पड़ेगी।
आपके पास फुर्सत हो तो आप पैदल ही यह सफर तय कर सकते हैं या फिर कोई वाहन बुक कर सकते हैं। प्रशासन ने पर्यटकों की सुविधा के लिए टंगमर्ग में स्नोबाइकें भी उपलब्ध रखी हैं।
यूसमर्ग: श्रीनगर से 54 किलोमीटर दूर बड़गाम जिले के तहसील चरार-शरीफ इलाके में समुद्र तल से 7,874 मीटर की ऊंचाई पर पीरपंचाल पहाड़ियों की गोद में स्थित गुलमर्ग से मिलता जुलता यूसमर्ग पर्यटनस्थल को क्लासिकल टूरिस्ट डेसटिनेशनों में गिना जाता है।
श्रीनगर के बीचों-बीच बहने वाले दूधगंगा नाले का स्रोत माना जाने-वाले इस पर्यटनस्थल में पर्यटकों को आकर्षित करने की लगभग हर चीज मौजूद है।
बेस्ट कैंपिंग,ट्रैकिंग व स्कीइग डेस्टिनेशन के लिए मशहूर चारों तरफ द्योदार के घने जंगलों से घिरे इस पर्यटनस्थल पर केवल गर्मियों के दौरान ही पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था। कारण वहां सुविधाओं की अव्यवस्था।
अलबत्ता बीते कुछ वर्षों से प्रशासन के प्रयासों के चलते पयर्टनस्थल पर पर्यटकों के रहने, खाने तथा अन्य सुविधाओं की उपलब्धि के बाद वहां न केवल गर्मियों बलकि सर्दियों में भी यह पर्यटनस्थल गुलजार बना रहता है।
यूसमर्ग विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी मोहम्मद अशरफ ने कहा, विंटर टूरिजम के लिए हमारे इस टूरिस्ट प्लेस में काफी स्कोप है।
गर्मियों में ट्रैकिंग व कैंपिंग यहां की खास एट्रेकशन रहती है जबकि अब सर्दियों में स्कीइंग भी टूरिस्टों की मैन एट्रेक्शन होती है।
अधिकारी ने कहा,गुलमर्ग की तरह यहां नेचरल स्लोप्स हैं बल्कि गुलमर्ग से भी अच्छे और बड़ी संख्या में नेच्रल स्लोप विटर स्पोर्टस का बड़ा स्कोप है। अधिकारी ने कहा, हम कोशिश कर रहे हैं कि गुलमर्ग की तरह यहां भी नेशनल व इंटरनेशनल स्तर की विंटर गेम्ज कराई जाए।
वहीं पर्यटकों के लिए और अधिक सुविधाएं उपलब्ध रखने की भी कोशिशें जारी है। अधिकारी ने कहा, हमने पर्यटनस्थल पर पर्यटकों के लिए होटल, हटें आदि उपलब्ध रखी हैं साथ ही निकटवर्ती गांवों जिनमें नगीन, मीरपोरा ,खईपोरा आदि में पर्यटकों के लिए होम स्टे भी उपलब्ध रखे हैं।
यूसमर्ग जाने के लिए आपको श्रीनगर से वाहन बुक करना पड़ेगा और यदि आप अपने वाहन में जा रहे हैं तो आपको पहले चरार शरीफ में स्थित घाटी के मशहूर सूफी संत शेख नूरदीन नूरानी की दरगाह पहुंचना होगा और वहीं से निकलने वाले एक लिंक रोड से आप इस खूबसूरत पर्यटनस्थल पर पहुंच सकते हैं।
नोट: तस्वीरें कश्मीर टूरिज्म के एक्स अकाउंट से ली गई हैं।
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