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    Himachal Tourist Spots: हिमाचल में घूमने की ये जगहें कर देंगी कुल्लू, मनाली को भी फेल, एक बार जरूर जाएं

    By Nidhi VinodiyaEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Fri, 09 Jun 2023 08:06 PM (IST)

    Places in Himachal Pradesh आपको बताते हैं हिमाचल की कुछ ऐसी अनछुई जगहें जो सिर्फ हिमाचली लोग ही बता सकते हैं और जो कुल्लू शिमला के पास हैं। यदि आप राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो यहां से हिमाचल की ट्रीप प्लान कर सकते हैं।

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    हिमाचल में घूमने की ये जगहें कर देंगी कुल्लू, मनाली को भी फेल, एक बार जरूर जाएं

    शिमला, ऑनलाइन डेस्क । Tourist Spots in Himachal Pradesh:  इस वीकेंड में कहीं घुमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर सिर्फ आपके लिए ही है। इन वीकेंड में पहाड़ों पर जाना सबसे किफायती होगा। पहाड़ों पर ऐसी जगह मिल जाए, जहां सारी सुविधाएं हो और कम पैसो में रोमांचक अनुभव तो हर कोई वहां जाना चाहेगा।

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    सिर्फ हिमाचली बता सकते हैं...

    इस समय पहाड़ों में सुविधाएं भी हैं और रोमांच तो कहीं ज्यादा। हर रोज नई जगहें पुरानी होती जा रही है। फिर भी कुछ अनछुई जगहें रह गई हैं, जो कि सिर्फ वहां के स्थानीय ,लोग ही जानते हैं। ऐसी जगहों पर जाने में रिस्क तो होता ही है, लेकिन रोमांच और कई गुना ज्यादा होता है। तो आज आपको बताते हैं हिमाचल की कुछ ऐसी अनछुई जगहें जो सिर्फ हिमाचली लोग ही बता सकते हैं और जो कुल्लू, शिमला और मनाली के पास हैं।

    Trekking Spot in Himachal Pradesh

    दिल्ली से है नजदीक

    तो यदि आप राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो यहां से हिमाचल जाना सबसे आसान है। आप यहां से शुक्रवार को निकल कर सोमवार की सुबह लौट सकते हैं। यहां जाने में किराया भी मात्र 5 से 6 हजार ही आता है।

    कल्पा- 

    Kalpa Village in Himachal Pradesh

    हिमाचल प्रदेश का कल्पा गांव जो कि किन्नौर जिले का सबसे बड़ा गांव है। यह गांव अपने देवदार के जंगलों के लिए जाना जाता है। यह जंगल के पीछे किन्नौर कैलाश की बर्फ से लिपटी हुई चोटियां है। इस क्षेत्र में न जाने कितने सेब के बाग हैं, जो कि यहां के लोगों के लिए मुख्य कमाई का सोर्स है।

    भगवान महादेव जो कि कैलाश में बसे हुए हैं, वो कैलाश शिवलिंग भी यहां से देखा जा सकता है। चंडिका देवी का मंदिर भी कल्पा से 11 किमी की दूरी पर है। ऐसे ही कई मंदिर और दर्शनीय स्थल कल्पा गांव के आसपास मौजूद हैं।

    सांगला घाटी -

    Baspa River in Sangla Valley Himachal Pradesh

    बसपा नदी के तट पर स्थित सांगला घाटी कल्पा गांव से 57 किमी दूर है। यह किन्नौर जिले में सबसे आकर्षक घाटी मानी जाती है, लेकिन यह हिमाचल प्रदेश की ऐसी जगह है, जहां रोजगार का कोई जरिया नहीं है। चारों ओर प्राकृतिक दृश्य और बर्फ से ढके पहाड़ों का मनमोहक वातावरण जो घाटी में कदम रखने के बाद से ही देखने मिल जाता है।

    इस क्षेत्र से बसपा नदी बहने के कारण इसे बसपा घाटी के नाम से भी जाना जाता है।इस घाटी के पास कई दर्शनीय स्थल भी हैं, जैसे सपनी, रैकछम, किलबा और कामरू किला।

    बड़ोग -

    Barog Himachal Pradesh

    बड़ोग हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में कालका-शिमला राजमार्ग पर पड़ता है। यह स्थान शिमला की ओर जाता हुआ एक सुंदर पड़ाव स्थल है। यह चीड़ और बांज के जंगलों से घिरी हुई जगह है, जो बड़ोग में एक सुंदर वातावरण देती है।

    इस अनोखे छोटे से गांव से हिमाचल की चूड़धार चोटी का एक शानदार दृश्य दिखाई देता है। बड़ोग धीरे-धीरे कॉर्पोरेट जगहों पर काम करने वालों के घूमने के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य स्थान बनता जा रहा है।

    बरोत -

    हिमाचल के मंडी जिले में आता बरोत पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। क्योंकि यहां सबसे ज्यादा आउटडोर एक्टिविटी होती है। इस गांव में ट्राउट मछलियों (Trout Fishes) के प्रजनन होता है। या यह भी कह सकते हैं कि यह ट्राउट मछलियों के प्रजनन केंद्र के रूप में कार्य करता है।

    यहां मछली पकड़ने के लिए कई फार्म भी बनाए गए हैं। बरोत नारगु वन्यजीव अभयारण्य (sanctuary) भी है। यहां कई हिमालयी प्रजातियों जैसे हिमालयी गोरल, हिमालयी काले भालू और कई अलग-अलग तीतर पाए जाते हैं। गांव में कई ट्रैकिंग ट्रेल्स हैं, इनमें से एक अभयारण्य (sanctuary) से होकर कुल्लू की ओर जाता है।

    यहां जरूर जाएं 

    तो यह थीं हिमाचल की कुछ ऐसी जगहें, जिन्हें आप वीकेंड में आराम से एन्जॉय कर सकते हैं। यह जगहें ज्यादा महंगी भी नहीं हैं और यहां पर्यटकों को तमाम सुविधाएं भी मिलती है। तो अब आप कब जा रहे हैं हिमाचल के इस छिपे हुए खजाने को खंगालने?

    सफाई का रखें ध्यान

    सबसे खास बात यह है कि इन वादियों में तो आप जा रहे हैं, इनकी खूबसूरत जगहों को देखने, लेकिन यहां जिम्मेदार भी बनना होगा। यहां की सुंदरता को सहेज के रखना होगा। कहीं भी जाएं बस कूड़ा न फैलाएं। वहां के स्थानीय जीवन का सम्मान करें।