Jammu Kashmir Snowfall: घाटी में फिर बिछेगी बर्फ की चादर, बर्फबारी के बीच होगा नव वर्ष का स्वागत; जश्न मनाने पहुंचे पर्यटक
कश्मीर घाटी में हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद मौसम शुष्क है लेकिन नए साल के स्वागत से पहले एक बार फिर बर्फबारी होगी। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे जिससे घाटी में फिर से ताजा बर्फबारी होगी। पहला विक्षोभ 1 जनवरी को सक्रिय होगा और इसका प्रभाव 2 जनवरी तक रहेगा।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। घाटी में हालिया बर्फबारी के बाद अब मौसम शुष्क है। इसके बीच ही वर्ष 2024 रुख्सत हो जाएगा। अलबत्ता ताजा बर्फबारी नव वर्ष का स्वागत करेगी। जी हां! मौमस विभाग ने भविष्यवाणी की है कि हालिया बर्फबारी के बाद घाटी में एक के बाद एक दो पश्चमी विक्षोभ सक्रिय होंगे जिनके चलते घाटी में फिर से ताजा बर्फबारी होगी।
मौसम विभाग के अनुसार, पहला पश्चमी विक्षोभ पहली जनवरी यानी नव वर्ष के पहले दिन सक्रिय होगा और इसका प्रभाव 2 जनवरी सुबह तक रहेगा। विभाग के अनुसार यह विक्षोभ कम तीवृता वाला होगा और इसके प्रभाव के चलते घाटी के कुछ ऊपरी इलाको में हलकी बर्फबारी हो सकती है।
जबकि दूसरा विक्षोभ जो 3 जनवरी से 6 जनवरी तक सक्रिय रहेगा, मजबूत तीव्रता का होगा और इसके प्रभाव के चलते घाटी के अधिकांश इलाकों में सामान्य से भारी बर्फबारी होगी। विभाग के अनुसार इस संभावित बर्फबारी के चलते घाटी का देश व दुनिया के अन्य हिस्सों से जमीनी व हवाई संपर्क भी प्रभावित हो सकता है। विभाग के अनुसार 7 जनवरी से मौसम में सुधार आना शुरू हो जाएगा।
लोगों को करना पड़ रहा भारी परेशानियों का सामना
इधर हालिया बर्फबारी से अस्त व्यस्त हुआ घाटी का आम जनजीव धीरे-धीरे अब फिर से पटरी पर आ गया है। जम्मू श्रीनगर हाईवे यातायात के लिए खोल दी गई है। बनिहाल-बारामूला रेल सेवा बहाल की गई है जबकि श्रीनगर हवाई अड्डे पर भी विमानों का आवागमन सुचारु ढंग से जारी है।
अलबत्ता बर्फबारी के चलते घाटी के कई आंतरिक रोड, जिनमें कुपवाड़ा-करनाह, श्रीनगर-सोनमर्ग तथा बांडीपुर गुरेज शामिल हैं, के लगातार बंद रहने के चलते अभी भी घाटी के सैकड़ों इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कटा हुआ है, जबकि दर्जनों इलाकों में बिजली व पानी की अव्यवस्था से भी लोगों को जूझना पड़ रहा है।
गौर तलब है कि पश्चमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते गत शुक्रवार को घाटी में मौसम के मिजाज तीखे हो गए थे और श्रीनगर समूची घाटी में सामान्य से भारी बर्फबारी से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। बर्फबारी के चलते जम्मू श्रीनगर हाइवे बंद हो जाने से घाटी का देश व दुनिया के शेष हिस्सों से कट गया था।
जबिक श्रीनगर हवाई अड्डे पर भी विमानों का आवागमन ठप हो जाने के चलते घाटी का देश व दुनिया से हवाई संपर्क भी टूट गया था। इस बीच गुलमर्ग समेत घाटी के उच्च पर्वतीय इलाकों में डेढ़ से 3 फीट जबकि निचले इलाकों में एक से डेढ़ फीट बर्फ की चादर बिछ गई थी। श्रीनगर भी 8 इंच मोटी बर्फ की चादर से ढक गया था और मौजूदा सर्दियों में यह श्रीनगर में मौसम की पहली बर्फबारी थी।
दर्जनों इलाकों में बिजली-पानी प्रभावित
भारी बर्फबारी के चलते बिजली के सैकड़ों ट्रांसमिशन लाइनों को क्षति पहुंची थी जिनके चलते बिजली व पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई थी। अलबत्ता रविवार को मौसम में और सुधार के साथ ही पटरी से उतरा घाटी का जनजीवन पटरी पर आने लगा है। श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर यातायात बहाल, रेल सेवा, दोबारा शुरू जबकि श्रीनगर हवाई अड्डे पर विमानों का आवागमन भी शुरू हो गया है।
अलबत्ता प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कुपवाड़ा-करनह, श्रीनगर-सोनमर्ग तथा बांडीपुर गुरेज रोड के लगातार बंद रहने तथा अधिकांश ऊपरी इलाकों में लिंक रोडों पर बर्फ न हटाए जाने के चलते अभी भी सैकड़ों इलाके जिला मुख्यालयों से लगातार कटे हुए हैं, जबकि दर्जनों इलाकों में अभी भी बिजली व पानी की आपूर्ति जो कि हालिया बर्फबारी से प्रभावित हो गई थी, अभी भी प्रभावित है। जिसके चलते इन इलाकों में लोगों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।
संबंधित विभाग पूरी तरह चौकन्ना
इधर मौसम विभाग द्वारा घाटी में फिर से बर्फबारी की संभावना के बाद प्रशासन ने बर्फबारी से उत्पन्न होने वाली सिथित से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बारामूला, श्रीनगर, बांडीपुर, बगाम, कुलगाम तथा अन्य जिला प्रशासनों ने अपने संबंधित जिलों में तमाम संबंधित विभागों को पूरी तरह से चौकन्ना रहने की हिदायत दी है।
डीसी श्रीनगर बिलाल मोहिद्दीन ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। हमने श्रीनगर की सड़कों पर से बर्फ हटाने के लिए बर्फ हटाने वाली 40 मशीनों को तैयार रखा है। जबकि संभावित बर्फबारी के दौरान लोगों को बिजली व पानी के हवाले से ज्यादा दिक्कतें न झेलनी पड़ी, इसके लिए भी हमने तैयारी की है।
डीसी ने कहा कि हमें पता नहीं था कि हालिया बर्फबारी इती शिद्दत की होगी। हालांकि, मौसम विभाग ने भी कहा था कि केवल कुछ उच्च पर्वतीय इलाकों में हलकी बर्फबारी हो सकती है। लेकिन हमारे श्रीनगर समेत सभी इलाकों में बर्फबारी हुई।
हालांकि इसके हमने अचानक हुई इस बर्फबारी से निपटने के लिए अपने स्तर पर कोशिशें की और शनिवार शाम तक श्रीनगर के सभी मुख्य मार्गों से बर्फ हटाई जबकि बिजली व पानी की सप्लाई भी बहा की।
लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ी जिसका हमें अंदाजाभी है और अहसास भी। डीसी ने कहा,हमारे कोशिश रहेगी कि संभावित बर्फबारी के दौरान आम लोगों को कम से कम दिक्कतों का सामाना करना पड़े।
भीषण ठंड का प्रकोप जारी, हिसखलन का खतरा भी बरकरार
हालिया बर्फबारी के बाद घाटी में मौसम में सुधार तो आ गया है लेकिन भीषण ठंड का प्रकोप लगातार जारी रहने से लोग बेहाल है। सोमवार को भी घाटी कड़ाके की ठंड की चपेट में रही। श्रीनगर समेत सभी स्थानों पर तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना रहा।
गुलमर्ग न्यूनतम तापमान -10.0 डिग्री सेलसियस के सात घाटी का सब से ठंडा क्षेत्र बना रहा। उधर पहलगाम में -9.2,श्रीनगर में -0.9,काजीगुंड में -2.8,कुपवाड़ा में 0.1 जबकि कुकरनाग में -2.1 डिग्री सेलसियस रिकार्ड किया गया।
इधर आज भी डल झील समेत घाटी के तमाम जलस्रोत व पानी के नल आंशिक तौर पर जमे रहे जबकि सड़कों, छतों, गली कूचों में पड़ी बर्फ भी जमी रही।
इसी बीच हिमस्खलन के लिहाज से संवेदनशील इलाको में हिमस्खलन का खतरा लगातार बना हुआ है। गौर तलब है कि घाटी के बांडीपुर,बारामूला,कुपवाड़ा,कुलगाम,बड़गाम,अनंतनाग,शौपियां तथा अनंतनाग के उच्च पर्वतीय इलाकों के इर्द गिर्द रहने वाले लोगों को पहले ही चलने फिरने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
बता देते हैं कि घाटी मेंं सब से सर्द मौसम चिलेकलां जारी है और 21 दिसंबर से शुरू हुए इस 40 दिवसीय चिलेकलां ने अभी तक अपनी पारी के 9 दिन पूरे किए हैं और इन दिनों के बीच घाटी ने डेढ़ से 3 फीट बर्फ की चादर औड़ ली है।
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