Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    4 नवंबर से शुरू होगा जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र, भाजपा को दिया जा सकता है डिप्टी स्पीकर का पद

    Updated: Wed, 23 Oct 2024 10:23 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर को श्रीनगर में शुरू होगा। एलजी मनोज सिन्हा ने सत्र बुलाने की उद्घोषणा कर दी है। पहले सत्र की शुरुआत सुबह 1130 बजे उपराज्यपाल के संबोधन के साथ होगी। सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी कराया जाएगा। नेशनल कान्फ्रेंस के नेता अब्दुल रहीम राथर को अध्यक्ष बनाया जा सकता है तो वहीं उपाध्यक्ष का पद भाजपा को दिया जाएगा।

    Hero Image
    जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर से श्रीनगर में।

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र चार नवंबर को शुरू होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को सत्र बुलाने की उद्घोषणा जारी कर दी है। सत्र की शुरुआत सुबह 11:30 बजे उपराज्यपाल के संबोधन के साथ होगी।

    सत्र शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर का भी चुनाव होगा। संभवत: नेशनल कान्फ्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर को ही स्पीकर बनाया जाएगा, जबकि डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को दिया जाएगा। भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है और सदन में उसके 29 विधायक हैं। परंपरा के अनुसार डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के सदस्य को दिया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीनगर में होगा विधानसभा का पहला सत्र

    विधानसभा का पहला सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में होगा और लगभग एक सप्ताह तक चलेगा। उपराज्यपाल ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 1891 के तहत प्रदत्त अपनी शक्तियों और अधिकारों का प्रयोग करते हुए विधानसभा का सत्र चार नवंबर को बुलाया है।

    यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर को अभी नहीं मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा! क्या उमर अब्दुल्ला की कोशिश हो जाएगी नाकाम?

    विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा के स्पीकर का भी चुनाव होगा। नेकां से जुड़े सूत्रों ने बताया कि स्पीकर पद के लिए पार्टी में दो वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर और अली मोहम्मद सागर दौड़ में हैं। दोनों सात बार विधायक चुने गए हैं, लेकिन अब्दुल रहीम राथर आयु के आधार पर सबसे वरिष्ठ विधायक हैं।

    वह जम्मू कश्मीर राज्य में वित्तमंत्री समेत विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। इसलिए उन्हें ही स्पीकर बनाए जाने की संभावना है। वहीं, अगर अली मोहम्मद सागर को स्पीकर नहीं बनाया जाता है तो फिर उन्हें या उनके पुत्र सलमान सागर दोनों में से किसी एक को उमर अब्दुल्ला अपने मंत्रिपरिषद में शामिल कर सकते हैं।

    भाजपा को मिल सकती है डिप्टी स्पीकर का पद

    डिप्टी स्पीकर का पद नेशनल कान्फ्रेंस ने भाजपा को देने का निर्णय लिया है। भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल के अनुसार भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है और सदन में नेशनल कान्फ्रेंस के बाद भाजपा के ही सबसे ज्यादा 29 विधायक हैं।

    परंपरा यही रही है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के सदस्य को दिया जाए। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय डिप्टी स्पीकर नेशनल कान्फ्रेंस के नजीर अहमद खान थे। इसलिए अगर सत्ताधारी दल भाजपा को डिप्टी स्पीकर का पद दे रहा है, तो इसमें नया कुछ नहीं है।

    यह भी पढ़ें- विधायकों के लिए इस मॉडल की स्कॉर्पियो खरीदेगी J&K सरकार, 90 गाड़ियों के लिए खर्च होंगे 15 करोड़