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    जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 की बहाली का प्रस्ताव पारित, बीजेपी ने स्पीकर पर लगाए गंभीर आरोप

    By Agency Edited By: Rajiv Mishra
    Updated: Wed, 06 Nov 2024 12:56 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने राज्य के विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव में विशेष दर्जे को एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त की गई है। भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया और दस्तावेज की प्रतियां फाड़ दीं। प्रस्ताव पारित होते ही भाजपा सदस्य वेल में आ गए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया था।

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    हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित हुआ विशेष राज्य दर्जे का प्रस्ताव

    पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu Kashmir Assembly) में बुधवार को राज्य के विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने को कहा गया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया।

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    भाजपा सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया और दस्तावेज की प्रतियां फाड़ दीं। इस प्रस्ताव में विशेष दर्जे को एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता भी व्यक्त की गई थी, जिसे बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया क्योंकि स्पीकर ने शोरगुल के बीच इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। भाजपा विधायक सदन के वेल में आ गए और वहीं डेरा जमाए हुए हैं।

    पेश किए गए प्रस्ताव में कही गई ये बात

    सुरिंदर चौधरी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की।

    विशेष राज्य के दर्जे को एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है। प्रस्ताव में कहा गया है कि यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं दोनों की रक्षा होनी चाहिए।

    भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया

    विपक्ष के नेता सुनील शर्मा सहित भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह सूचीबद्ध कार्य का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हमें जो कार्य दिया गया था, वह यह था कि चर्चा उपराज्यपाल के अभिभाषण पर होनी चाहिए।

    विपक्ष के नेता ने कहा कि यहां पार्टियों के बीच होड़ मची हुई है, लेकिन वे सभी जानते हैं कि कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम देश के लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर (संसद) द्वारा पारित किया गया है।

    भाजपा सदस्यों ने फाड़ी प्रस्ताव की प्रतियां

    सुनील शर्मा के बयान के बाद सत्ता पक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। इस दौरान एनसी और भाजपा के अधिकांश सदस्य खड़े हो गए। भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव की प्रतियां फाड़कर सदन के वेल में फेंक दीं। शोरगुल के बीच विधायक लंगेट शेख खुर्शीद वेल में जाने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा मार्शलों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।

    एनसी सदस्यों ने प्रस्ताव पारित करने के लिए नारे लगाए, जबकि बांदीपुरा से कांग्रेस विधायक निजामुद्दीन भट ने कहा कि भाजपा सदस्यों ने सदन का अपमान किया है और नियमों का उल्लंघन किया है। भट ने कहा कि इस पर बोलने का अधिकार हर सदस्य को है।

    स्पीकर ने ध्वनिमत से पारित कराया प्रस्ताव

    हंगामे के बीच स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा ने कहा कि अगर विपक्षी सदस्य बोलना नहीं चाहते हैं, तो मैं इस पर मतदान कराऊंगा। राथर ने प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कराया और शोरगुल के बीच ही इसे पारित कर दिया गया।

    प्रस्ताव पारित होते ही भाजपा सदस्य वेल में आ गए। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्य 5 अगस्त जिंदाबाद, जय श्री राम, वंदे मातरम और स्पीकर हाय हाय जैसे नारे लगाते रहे।

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    भाजपा विधायक ने अध्यक्ष पर लगाया आरोप

    भाजपा विधायक शाम लाल शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रस्ताव अध्यक्ष की मिलीभगत से एक गेस्ट हाउस में तैयार किया गया था। शर्मा ने कहा जम्मू कश्मीर के लोगों का जनादेश 370 को हटाने के पक्ष में था क्योंकि हमें 26 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि एनसी को 23 प्रतिशत वोट मिले थे।

    उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। आज उन्होंने एनसी नेता के रूप में काम किया है। उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर केंद्रित दलों को बताना चाहता हूं कि उनका आधिपत्य खत्म हो गया है। उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया का वादा करते हुए कहा।

    इन पार्टियों ने प्रस्ताव का किया समर्थन

    पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीआई (एम) के सदस्यों ने भी ध्वनिमत के दौरान प्रस्ताव का समर्थन किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद सत्तारूढ़ एनसी ने कहा कि उसने अपने घोषणापत्र के वादों में से एक को पूरा किया है। जैसे ही सदन सुबह 11.05 बजे फिर से बैठा, भाजपा विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ नारे लगाए।

    विपक्ष के नेता ने कहा कि हमारे पास रिपोर्ट है कि आपने (स्पीकर) कल मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। हालांकि, राथर ने विरोध कर रहे भाजपा सदस्यों से कहा कि वे अपनी सीटों पर बैठ जाएं।

    सदन की कार्रवाई 1 घंटे के लिए स्थगित

    शोरगुल के बीच, स्पीकर ने NC के जावेद हसन बेग को एलजी के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने के लिए बुलाया। हालांकि, शोरगुल जारी रहने पर स्पीकर ने कार्यवाही को फिर से एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

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