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    Jammu Kashmir News: हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी आमिर को तीन मामलों में 15 साल की सजा, बुरहान वानी से था संबंध

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Thu, 29 Dec 2022 12:20 AM (IST)

    Jammu Kashmir News हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी आमिर को तीन मामलों में 15 साल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि आमिर वागे मारे जा चुके हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी का करीबी रहा है। बुरहान वानी जुलाई 2016 में मारा गया था।

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    हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी आमिर को तीन मामलों में 15 साल की सजा

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। हिजबुल मुजाहिदीन के एक आतंकी आमिर वागे उर्फ अबु कासिम को बुधवार श्रीनगर स्थित गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत विशेष अदालत ने तीन अलग-अलग मामलों में 15 वर्ष की सजा सुनाई है। बता दें कि आमिर वागे मारे जा चुके हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी का करीबी रहा है। बुरहान वानी जुलाई 2016 में मारा गया था।

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    31 मार्च 2017 को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

    उल्लेखनीय है कि आमिर को 31 मार्च 2017 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आमिर प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन का अनंतनाग जिले का कमांडर था। उसके खिलाफ प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने गहन जांच की और सभी साक्ष्य जमा करने के बाद उसके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दायर किया था।

    धारा 20 के तहत छह वर्ष की सुनाई सजा

    अनंतनाग जिले में गोरीवन के आमिर नबी वागे को गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम की धारा 20 के तहत छह वर्ष की सजा सुनाई है। उसे यह सजा प्रतिबंधित और राष्ट्रविरोधी संगठन का सदस्य होने के आधार पर सुनाई है। भारतीय सशस्त्र अधिनियम की धारा 7/25 के तहत छह वर्ष और राष्ट्रीय एकता अखंडता को नुकसान पहुंचाने, अलगाववादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए लिए गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम की धारा 13 के तहत तीन वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है।

    सुरक्षाबलों ने एक पिस्तौल, छह कारतूस किया था बरामद

    उसे एसआइए ने जो वर्ष 2017 में काउंटर इंटेलीजेंस के नाम से जानी जाती थी, उसके एक दल ने शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में पकड़ा था। उस समय वह वहां किसी आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में था। उसके खिलाफ दायर आरोपपत्र और सुबूतों के मुताबिक, जब उसे लगा कि वह सुरक्षाबलों से घिर चुका है तो उसने घेराबंदी तोड़ भाग फायरिंग का भी प्रयास किया था, लेकिन सजग सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया था। उसके पास से एक पिस्तौल, छह कारतूस मिले थे।

    अदालत ने दोषी मानते हुए सुनाई थी सजा

    बता दें कि तीन वर्ष तक अदालत में संबंधित मामले की सुनवाई चली। इस दौरान आरोपित आंतकी को भी पक्ष रखने का पूरा अवसर मिला। सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।

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