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    Jammu Kashmir News: 'हमारी मांग पूरी करो, राज्य का दर्जा बहाल करो', दरबार मूव की मांग को लेकर CPIM का विरोध प्रदर्शन

    सीपीआईएम ने जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दरबार मूव राज्य का दर्जा और स्थानीय लोगों के लिए विशेष भूमि और नौकरी के अधिकारों की बहाली की मांग की। सीपीआईएम ने इसके लिए बीजेपी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा जल्द बहाल करें।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 11 Nov 2024 05:26 PM (IST)
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    जम्मू-कश्मीर में सीपीआईएम का विरोध प्रदर्शन, फाइल फोटो।

    पीटीआई, श्रीनगर। सीपीआईएम ने दरबार मूव और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर आज जम्मू-कश्मीर की विंटर कैपिटल जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया। जेके किसान तहरीक के अध्यक्ष किशोर कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों सीपीआईएम कार्यकर्ताओं ने दरबार मूव, भूमि और नौकरी के अधिकारों के लिए विशेष दर्जा बहाल करने के समर्थन में तख्तियां ले रखी थीं। उन्होंने 'दरबार मूव' बहाल करो, 'राज्य का दर्जा' बहाल करो जैसे नारे लगाए।

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    सीपीआईएम ने इसके लिए बीजेपी को दोषी ठहराया। प्रदर्शनकारियों ने दरबार मूव, राज्य का दर्जा और स्थानीय लोगों के लिए विशेष भूमि और नौकरी के अधिकारों की बहाली की मांग की। किशोर कुमार ने कहा कि हम दरबार मूव और जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हम विशेष दर्जे के तहत स्थानीय लोगों के लिए भूमि और नौकरी के अधिकारों के आरक्षण की मांग करते हैं।

    1872 से चली आ रही परंपरा

    बता दें कि दरबार मूव राज्य सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालयों का ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर से शीतकालीन राजधानी जम्मू में द्विवार्षिक स्थानांतरण है।

    यह परंपरा 1872 में महाराजा रणबीर सिंह के शासन के दौरान शुरू हुई थी। यह 2020 तक जारी रही। जब यूटी प्रशासन ने घोषणा की थी कि राज्य सचिवालय जम्मू और श्रीनगर दोनों में बनाए रखा जाएगा।

    नागरिक सचिवालय श्रीनगर में भी उपलब्ध होंगे

    साल 2020 को दरबार मूव की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया था और प्रशासनिक सचिव दोनों सचिवालय जम्मू व श्रीनगर में बैठते हैं। नागरिक सचिवालय जम्मू में सोमवार से प्रशासनिक सचिव और विभागों के अध्यक्ष उपलब्ध होंगे। वे पहले की तरह जरूरत के हिसाब से नागरिक सचिवालय श्रीनगर में भी उपलब्ध होंगे।

    इस संबंध में सामान्य प्रशासनिक विभाग ने अक्टूबर महीने में आदेश जारी किया था। इनके साथ स्टाफ के प्रबंध भी किए गए हैं। एस्टेट विभाग से सरकार ने पहले ही अधिकारियों व कर्मियों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रबंध किए गए हैं।

    विकास प्रोजेक्ट की करेंगे समीक्षा

    मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला श्रीनगर सचिवालय गए थे और अब जम्मू आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के जम्मू आने को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। श्रीनगर में विधानसभा का पांच दिन का सत्र समाप्त हो गया है। अब मुख्यमंत्री जम्मू में विभागों के साथ बैठकें कर विकास प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे।

    गर्मियों व सर्दियों में जरूरत के हिसाब से प्रशासनिक सचिवों दोनों सचिवालय में बैठते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री, मंत्रियों के सचिवालय में बैठने के साथ ही लोगों की आवाजाही भी बढ़ जाएगी। नई सरकार के जम्मू सचिवालय में सारी तैयारियां पहले ही हो चुकी हैं।

    एक परंपरा 1872 में महाराजा रणबीर सिंह के शासन के दौरान शुरू हुई और यह 2021 तक जारी रही। अब नागरिक सचिवालय जम्मू और श्रीनगर दोनों में काम करते हैं। इस बीच मंत्री भी अपने अपने विभागों की बैठकें करेंगे।

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